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बिजली कंपनी बिना प्रशिक्षण आउटसोर्स कर्मचारियों से करा रही काम, कर्मचारी हो रहे दुर्घटना का शिकार, पढ़ें खबर

locationसागरPublished: Nov 10, 2019 08:36:00 pm

Submitted by:

anuj hazari

कई कर्मचारियों के साथ घट चुकी हैं घटनाएं

Power company doing work without outsourced employees training, employees getting accident victims

Power company doing work without outsourced employees training, employees getting accident victims

बीना. बिजली कंपनी आउटसोर्स कर्मचारियों से काम करवा रही है, जिनके लिए न तो प्रशिक्षण दिया गया है न ही उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए गए हैं। ठेका कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को बिना किसी टे्रनिंग के बिजली खंभों पर चढ़ा दिया जाता है, लेकिन प्रशिक्षित न होने के कारण वह दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। शहर में डेक्कन कंपनी के अंतर्गत करीब 60 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, जिन्हें पूरा वेतन भी नहीं दिया जाता है। कर्मचारियों के लिए कम से कम तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं किया जा रहा है कर्मचारियों से सिक्युरिटी मनी के नाम से रुपए भी काटे जा रहे हैं।
नहीं देते सुरक्षा उपकरण
कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण नहीं दिए जाते हैं जबकि उनके लिए अनिवार्य रुप से अर्थ डिस्चार्ज रॉड, हेलमेट, रबर हैंड ग्लब्स, जूते, टॉर्च, नियान टेस्टर, सेफ्टी बेल्ट, सेफ्टी चैन, इंसुलेटर कटिंग प्लायर, रैंच सीआरसी स्प्रे और प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स होना जरूरी है जिसका उपयोग समय पर कर सकते हैं, लेकिन बिजली कंपनी इनके साथ इन सुरक्षा उपकरणों के नहीं होने फोन पर नियंत्रित वर्क परमिट लेने के लिए कहते हैं। इसी समय लाइन चालू हो जाने की स्थिति में कर्मचारियों की करंट लगने से जान भी चली जाती है।
बीना उपसंभाग में हैं करीब ढेड़ सौ कर्मचारी
बीना उपसंभाग में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिन्हें नियमानुसार टे्रनिंग दी जानी चाहिए। इसके बाद ही बिजली खंभों पर उन्हें चढऩे के लिए कहा जा सकता है, लेकिन जल्दबाजी में उन्हें खंभों पर चढ़ा दिया जाता है जिन्हें प्रशिक्षित न होने के स्थिति में करंट लग जाता है और वह दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
इनका कहना है
बीना एवं सागर जोन सहित पूरे प्रदेश के 220 केवी, 132 केवी, 33 केवी, 11 केवी सब स्टेशनों एवं समस्त जोन कार्यालयों में सुरक्षा उपकरणों का अभाव है जबकि सभी उपकरण कर्मचारियों के पास होना जरूरी हंै। अधिकृत न होने के बाद भी कर्मचारियों से काम कराए जाने पर घटनाएं हो जाती है।
मनोज भार्गव, प्रांतीय संयोजक, मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन

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