ठेकेदार ने खोली पोल
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर पत्रिका टीम ने पड़ताल के दौरान बदौना गांव में सड़क निर्माण करने वाले रामपुरा निवासी ठेकेदार रमेश जैन से बात की गई। पत्रिका से की गई बात में ठेकेदार जैन ने बताया कि जो डिस्पिले बोर्ड लगाए गए हैं वह केवल दिखाने के लिए हैं। विभाग के अधिकारी ही मरम्मत के लिए राशि आवंटित नहीं करते हैं। हालांकि बदौना गांव में लीपापोती कर सड़क निर्माण करने के आरोपों को लेकर जैन स्वयं जिला प्रशासन के अधिकारियों की जांच घेरे में हैं, इसलिए इस बात में कितनी सच्चाई है यह प्रशासनिक जांच में ही स्पष्ट हो सकता है।
नहीं हो रही सड़कों की मरम्मत
सड़क निर्माण के बाद ठेकेदारों को लगातार पांच सालों तक सड़कों की मरम्मत करनी है। इसके लिए निर्माण एजेंसी ने सड़क की शुरूआत में ही एक डिस्पिले बोर्ड लगाया है जिसमें स्पष्ट तौर पर यह उल्लेख किया है कि उन्हें पांच सालों में किस वर्ष क्या काम और कितनी राशि व्यय करनी है, लेकिन ठेकेदार डेढ़ साल बाद सड़क निर्माण करके पहले ही दो साल की मरम्मत की राशि डकार चुके हैं और बाकी बची तीन साल की राशि में से भी मुश्किल है कि किसी एक साल में मरम्मत की जाए।