जिले में 10 से कम दर्ज संख्या वाली 50 स्कूलों पर खतरा
सागर•Jun 27, 2018 / 02:15 pm•
sunil lakhera
सरकारी स्कूलों में ताला लगाने की तैयारी
सागर. जिले की 50 से ज्यादा स्कूलों में 10 से भी कम बच्चे हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए संबंधित बीआरसी से लेकर संकुल समन्वयक व हेडमास्टर तक को लक्ष्य दे दिया गया है। संभागायुक्त की अगली बैठक में जिला कार्यालय ने 10 से कम संख्या वाले स्कूलों की सूची बनाकर उन्हें बंद करने के प्रस्ताव की तैयारी कर ली है। हालांकि जिले में इसके पहले कम संख्या वाली स्कूलों को बंद किया जा चुका है, लेकिन इस बार इनकी संख्या ज्यादा होगी। सागर विकासखंड में पांच साल पहले जहां प्राइमरी व मिडिल स्कूल में छात्र संख्या 58 हजार थी, वहीं पिछले सत्र में यह संख्या 40 हजार पर पहुंच गई है।
जिले में करीब 3100 सरकारी प्राइमरी व मिडिल स्कूल हैं, जहां ढाई लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। जिले के दूरदराज के क्षेत्र में खुली इन स्कूलों में इक्का-दुक्का बच्चे पढ़ रहे हैं। पिछले सत्र में विभाग द्वारा कराए गए सर्वे में जिले में 20 से कम संख्या वाली एेसी 213 स्कूलें चिन्हित की गई थीं। पिछले सत्र में देवरी विकासखंड के नौरादेही अभयारण्य से विस्थापन के दौरान यहां की ६ स्कूलों के बच्चों को दूसरी स्कूलों में मर्ज किया गया था। वहीं इसके पहले वर्ष 2015-16 में से कम दर्ज संख्या वाली 20 स्कूलों को बंद कर दूसरी स्कूलों में मर्ज किया गया था।
स्कूलों को बंद करने का कारण छात्रों की संख्या न बढऩे का तर्क दिया जा रहा है। इस बार 10 से कम दर्ज संख्या वाली 50 से अधिक स्कूलों को बंद किया जा सकता है। इन स्कूलों में प्रधान अध्यापक नहीं हैं, केवल एक या दो शिक्षक ही पदस्थ हैं। बंद हुई स्कूलों में करीब 150 शिक्षक हैं, जिन्हें दूसरी स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा। फिलहाल जिला कार्यालय ने एेसी स्कूलों में दर्ज संख्या बढ़ाने को कहा है, लेकिन दूर-दराज के क्षेत्र में स्थित इन स्कूलों के आसपास कम बसाहट के कारण संख्या नहीं बढ़ाई जा सकती।
20 से कम वाली स्कूल
जिले के 213 स्कूल ऐसे हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या 20 से भी कम है। जिले के इंदलपुर केसली, भूहारा केसली, मानपुर शाहगढ़, भीकम अवाद शाहगढ़, चकेरी शाहगढ़, मनाउ बीना, सिंगपुर काला रहली, गंगापुर रहली, बोमा रहली, रिछोड़ा रहली और नदीपार परासिया में छात्र-छात्राओं की संख्या शून्य है।
जिले में पिछले सत्र में 20 से कम दर्ज संख्या वाली 213 स्कूलें थीं। इस वर्ष स्कूलों की दर्ज संख्या बढ़ाने कहा है। जिले में कम दर्ज संख्या वाली स्कूलों को दूसरी स्कूलों में मर्ज किया जाएगा।
एचपी कुर्मी, डीपीसी