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सागर

महा ब्राह्मण नाटक की प्रस्तुति

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5 years ago
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सागर. रवींद्र भवन में रविवार की शाम को अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ।
नाट्य समारोह के पहले दिन विवेचना नाट्य ग्रुप जबलपुर द्वारा प्रेमानंद गज़्वी लिखित नाटक महाब्राह्मण प्रस्तुत किया गया। नाटक का निर्देशन वसंतकाशी कर ने किया है। नाटक की प्रस्तुति से पूर्व समारोह का शुभारंभ प्रो.सुरेश आचार्य,भगवान दास रैकवार और निर्देशक वसंत काशीकर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। इस नाटक में ब्राह्मणों के एक वर्ग महाब्राह्मण जो अंत्येष्टि कर्म करते हैं की कहानी है। ब्राह्मणों में इस वर्ग के प्रति भेदभाव और छुआछूत की त्रासदी को नाटक में प्रस्तुत किया गया है। शास्त्रानुसार अंत्येष्टि कर्म पुण्य है जबकि रूढिय़ों के कारण इस कार्य से जुड़े महा ब्राह्मण सामाजिक घृणा के पात्र हैं, इसी बात को इस नाटक में बखूबी प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुति में पेशवाकालीन वस्त्र विन्यास, आकर्षक सैट, रूप सज्जा आदि से इसे और प्रभावी बनाया गया है। नाटक में महाब्राह्मण सिद्धेश्वर की भूमिका में बद्रीश पांडे ने अपने कौशल का परिचय दिया है तो वहीं अन्य कलाकारों जिनमें इंदु सूर्यवंशी, शुभम पांडे, सोम श्रीवास्तव, विश्वनारायण पांडे, रीतेश गौतम, ओम प्रकाश साहू, राज सोनी, अभिषेक, महत्व सौरभ साहू, विकास कुमार, साहिल सेठी, राज मालवीय, यशवंत वर्मा, अर्पण सैमुअल, यश चौरसिया, राहुल सोनीऔर उत्कर्ष यादव ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय करने का प्रयास किया।

 

 

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सागर. रवींद्र भवन में रविवार की शाम को अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ।
नाट्य समारोह के पहले दिन विवेचना नाट्य ग्रुप जबलपुर द्वारा प्रेमानंद गज़्वी लिखित नाटक महाब्राह्मण प्रस्तुत किया गया। नाटक का निर्देशन वसंतकाशी कर ने किया है। नाटक की प्रस्तुति से पूर्व समारोह का शुभारंभ प्रो.सुरेश आचार्य,भगवान दास रैकवार और निर्देशक वसंत काशीकर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। इस नाटक में ब्राह्मणों के एक वर्ग महाब्राह्मण जो अंत्येष्टि कर्म करते हैं की कहानी है। ब्राह्मणों में इस वर्ग के प्रति भेदभाव और छुआछूत की त्रासदी को नाटक में प्रस्तुत किया गया है। शास्त्रानुसार अंत्येष्टि कर्म पुण्य है जबकि रूढिय़ों के कारण इस कार्य से जुड़े महा ब्राह्मण सामाजिक घृणा के पात्र हैं, इसी बात को इस नाटक में बखूबी प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुति में पेशवाकालीन वस्त्र विन्यास, आकर्षक सैट, रूप सज्जा आदि से इसे और प्रभावी बनाया गया है। नाटक में महाब्राह्मण सिद्धेश्वर की भूमिका में बद्रीश पांडे ने अपने कौशल का परिचय दिया है तो वहीं अन्य कलाकारों जिनमें इंदु सूर्यवंशी, शुभम पांडे, सोम श्रीवास्तव, विश्वनारायण पांडे, रीतेश गौतम, ओम प्रकाश साहू, राज सोनी, अभिषेक, महत्व सौरभ साहू, विकास कुमार, साहिल सेठी, राज मालवीय, यशवंत वर्मा, अर्पण सैमुअल, यश चौरसिया, राहुल सोनीऔर उत्कर्ष यादव ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय करने का प्रयास किया।

 

 

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सागर. रवींद्र भवन में रविवार की शाम को अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ।
नाट्य समारोह के पहले दिन विवेचना नाट्य ग्रुप जबलपुर द्वारा प्रेमानंद गज़्वी लिखित नाटक महाब्राह्मण प्रस्तुत किया गया। नाटक का निर्देशन वसंतकाशी कर ने किया है। नाटक की प्रस्तुति से पूर्व समारोह का शुभारंभ प्रो.सुरेश आचार्य,भगवान दास रैकवार और निर्देशक वसंत काशीकर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। इस नाटक में ब्राह्मणों के एक वर्ग महाब्राह्मण जो अंत्येष्टि कर्म करते हैं की कहानी है। ब्राह्मणों में इस वर्ग के प्रति भेदभाव और छुआछूत की त्रासदी को नाटक में प्रस्तुत किया गया है। शास्त्रानुसार अंत्येष्टि कर्म पुण्य है जबकि रूढिय़ों के कारण इस कार्य से जुड़े महा ब्राह्मण सामाजिक घृणा के पात्र हैं, इसी बात को इस नाटक में बखूबी प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुति में पेशवाकालीन वस्त्र विन्यास, आकर्षक सैट, रूप सज्जा आदि से इसे और प्रभावी बनाया गया है। नाटक में महाब्राह्मण सिद्धेश्वर की भूमिका में बद्रीश पांडे ने अपने कौशल का परिचय दिया है तो वहीं अन्य कलाकारों जिनमें इंदु सूर्यवंशी, शुभम पांडे, सोम श्रीवास्तव, विश्वनारायण पांडे, रीतेश गौतम, ओम प्रकाश साहू, राज सोनी, अभिषेक, महत्व सौरभ साहू, विकास कुमार, साहिल सेठी, राज मालवीय, यशवंत वर्मा, अर्पण सैमुअल, यश चौरसिया, राहुल सोनीऔर उत्कर्ष यादव ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय करने का प्रयास किया।

 

 

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सागर. रवींद्र भवन में रविवार की शाम को अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ।
नाट्य समारोह के पहले दिन विवेचना नाट्य ग्रुप जबलपुर द्वारा प्रेमानंद गज़्वी लिखित नाटक महाब्राह्मण प्रस्तुत किया गया। नाटक का निर्देशन वसंतकाशी कर ने किया है। नाटक की प्रस्तुति से पूर्व समारोह का शुभारंभ प्रो.सुरेश आचार्य,भगवान दास रैकवार और निर्देशक वसंत काशीकर ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके किया। इस नाटक में ब्राह्मणों के एक वर्ग महाब्राह्मण जो अंत्येष्टि कर्म करते हैं की कहानी है। ब्राह्मणों में इस वर्ग के प्रति भेदभाव और छुआछूत की त्रासदी को नाटक में प्रस्तुत किया गया है। शास्त्रानुसार अंत्येष्टि कर्म पुण्य है जबकि रूढिय़ों के कारण इस कार्य से जुड़े महा ब्राह्मण सामाजिक घृणा के पात्र हैं, इसी बात को इस नाटक में बखूबी प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुति में पेशवाकालीन वस्त्र विन्यास, आकर्षक सैट, रूप सज्जा आदि से इसे और प्रभावी बनाया गया है। नाटक में महाब्राह्मण सिद्धेश्वर की भूमिका में बद्रीश पांडे ने अपने कौशल का परिचय दिया है तो वहीं अन्य कलाकारों जिनमें इंदु सूर्यवंशी, शुभम पांडे, सोम श्रीवास्तव, विश्वनारायण पांडे, रीतेश गौतम, ओम प्रकाश साहू, राज सोनी, अभिषेक, महत्व सौरभ साहू, विकास कुमार, साहिल सेठी, राज मालवीय, यशवंत वर्मा, अर्पण सैमुअल, यश चौरसिया, राहुल सोनीऔर उत्कर्ष यादव ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ पूरा न्याय करने का प्रयास किया।

 

 

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सागर. रवींद्र भवन में रविवार की शाम को अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ।
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सागर. रवींद्र भवन में रविवार की शाम को अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ।
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सागर. रवींद्र भवन में रविवार की शाम को अन्वेषण थिएटर ग्रुप के पांच दिवसीय नाट्य समारोह का शुभारंभ हुआ।
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