scriptजिले में ५५ न्यायाधीशों के सामने ३४ हजार अपराधिक प्रकरणों पर फैसले सुनाने का दबाव | Pressure to pronounce judgment on 37 thousand criminal cases in front | Patrika News

जिले में ५५ न्यायाधीशों के सामने ३४ हजार अपराधिक प्रकरणों पर फैसले सुनाने का दबाव

locationसागरPublished: Feb 15, 2020 10:11:29 pm

-मेनपावर और आधुनिक संसाधनों की कमी से नहीं सुलझ पा रहे मामले, महिला अपराधों पर ही हो रहा जल्द निराकरण। -एक साल में संभाग में हुए बलात्कार की घटनाओं के ११७ आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई है सजा

जिले में ५५ न्यायाधीशों के सामने ३४ हजार अपराधिक प्रकरणों पर फैसले सुनाने का दबाव

जिले में ५५ न्यायाधीशों के सामने ३४ हजार अपराधिक प्रकरणों पर फैसले सुनाने का दबाव

सागर. जिले में छोटे-बड़े सभी प्रकार के अपराध बढ़ रहे हैं। कोर्ट में पुराने मामले सुलझ नहीं पाते हैं और नए मामलों के सामने आने से प्रकरणों की संख्या बढ़ रही है। जिले में लोवर और सेशन कोर्ट मिलाकर इनकी संख्या ५५ है। इनमें एक-एक जज की तैनाती की गई है। कोर्ट में लंबित प्रकरणों की बात की जाए तो इनकी संख्या ३४ हजार से अधिक है। एेसे में देखा जाए तो औसतन एक कोर्ट में ६०० प्रकरण विचाराधीन हैं। सिविल न्यायालयों में दर्ज प्रकरणों की संख्या भी अधिक है। हालांकि नेशनल लोक अदालत के आयोजन से काफी मामले निपटाए जा रहे हैं। एक लोक अदालत में करीब १५०० प्रकरणों का निदान हो रहा है। अभी जिले में ५५ न्यायाधीशों की तैनाती है। बताया जा रहा है कि तीन जज ट्रेनिंग के बाद ज्वाइन करेंगे। वर्ष २०१९ में न्यायालयों में हुए फैसलों की बात की जाए तो संभाग के पांच जिलों में महज ४८९ प्रकरणों पर निर्णय हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा सागर में १९० आरोपियों को सजा सुनाई गई है। सबसे कम फैसले दमोह और पन्ना जिले में हुए हैं। दमोह में ४९ और पन्ना में ३९ प्रकरणों पर कोर्ट ने दोषियों को दंडित किया है।
-महिला अपराधों पर तेजी से निर्णय
अभी देखा जाए तो न्यायालयों में महिला अपराध से जुड़े मामले तेजी से निपटाए जा रहे हैं। दुराचार के मामलों में तो एक महीने में कोर्ट सजा सुना रहा है। इस तेजी से अन्य अपराधों पर सुनवाई नहीं हो पा रही है। संभाग में दहेज प्रकरण के मामलों में मात्र ११ में दोषियों को सजा सुनाई गई है। लूट में १५ और डकैती के ७ मामलों पर दोषियों को सजा हुई है। -विटनेस हेल्प डेस्क होगी शुरू
गवाहों के लिए समन तामील नहीं हो पा रहे हैं। कई डॉक्टर, टीआई और अन्य गवाहों के स्थानांतरण होने से यह समय पर कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाते हैं। इस वजह से भी प्रकरण लंबे खिच रहे हैं। हालांकि जिला न्यायालय में इस दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है। जिला न्यायालय के जन संपर्क अधिकारी नितिन जैन ने बताया कि कोर्ट में जल्द ही विटनेस हेल्प डेस्क शुरू होगी। इसके जरिए ऑन लाइन गवाही की व्यवस्था की जाएगी।
-संभाग में कोर्ट द्वारा २०१९ में सुनाए गए प्रमुख फैसले
जिला हत्या हत्या प्रयास बलात्कार छेड़छाड़
सागर ४४ २८ ३७ ५८
पन्ना १५ ०९ ०१ ०४
छतरपुर १९ १८ ३० ३०
टीकमगढ़ २० १५ ३३ २६
दमोह ०८ ०४ १६ १७


पिछले ५ सालों की तुलना में कोर्ट द्वारा जल्द फैसले सुनाए जा रहे हैं। पहले केस १५-१५ साल तक नहीं निपट पाते थे अब अधिकत्तम ५ साल में फैसले होने लगे हैं।
अमित जैन, जनसंपर्क अधिकारी जिला न्यायालय

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