आना पड़ता है सिविल अस्पताल
सागर
Published: July 05, 2022 10:15:48 pm
बीना. शासकीय स्वास्थ्य सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर न होने के कारण लोगों को परेशान होना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन भी बनाए गए हैं, लेकिन इलाज करने वाला कोई नहीं है और मजबूरी में ग्रामीण सिविल अस्पताल आते हैं। कई बार गंभीर स्थिति में जान पर बन आती है। भानगढ़ बड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला गया है और नया भवन भी वर्षों पूर्व बनकर तैयार हो चुका है, जो स्टाफ न होने के कारण खाली पड़ा है। यह बड़ा क्षेत्र है और हजारों लोग इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर निर्भर हैं, लेकिन डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है। कुछ माह पूर्व एक डॉक्टर को पदस्थ किया गया था और बाद में शाहपुर में अटैच कर दिया गया, जिससे अब सिर्फ स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनएम ही पदस्थ हैं। डॉक्टर न होने के कारण ग्रामीण बीस किलोमीटर दूर बीना सिविल अस्पताल या निजी नर्सिंगहोम में इलाज कराने आते हैं। स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टर सहित अन्य स्टाफ की नियुक्ति कराने के लिए ग्रामीण कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल भवन तैयार हो रहा था, तो लोगों को उम्मीद थी कि अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं गांव में मिलने लगेंगी, लेकिन भवन के अलावा कोई दूसरी सुविधाएं नहीं मिली है। यदि अस्पताल में स्टाफ होता, तो लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ता।
अन्य जगहों पर भी यहीं स्थिति
मंडीबामोरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और आगासौद में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, लेकिन यहां भी स्टाफ की कमी है। यहां से भी लोगों को इलाज कराने बीना ही आना पड़ता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र होने के बाद भी वहां सिर्फ दो डॉक्टर पदस्थ हैं, जबकि विशेषज्ञ डॉक्टर की पोस्ट भी स्वीकृत हैं। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में उप स्वास्थ्य केन्द्र भी खोले गए हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में अधिकांश जगहों पर ताला ही लटका रहता है।
डॉक्टर की है कमी
प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों की कमी है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना भी कई बार दी जा चुकी है।
डॉ. संजीव अग्रवाल, बीएमओ
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