script

पहली बार वाटरफॉल सूखा, जानिए कौन से मिथक भी टूटे

locationसागरPublished: May 20, 2019 02:58:49 pm

Submitted by:

manish Dubesy

दस दिन का पानी शेष, बूंद-बूंद को तरसेंगे लोग, नगर परिषद अब सकर गली और मेवाती घाट पर पानी के स्टॉक के भरोसे

rahatgarh Waterfall drought for the first time raahatagadh

rahatgarh Waterfall drought for the first time raahatagadh

धर्मेन्द्र सिंह राजपूत@ राहतगढ़. नगर व क्षेत्र की एकमात्र जीवन दायिनी बीना नदी अथाह जलराशि के लिए जानी जाती थी। इस बार यह सूख चुकी है। बनेनी घाट पर महिलाएं दीपदान करती थीं अब बूंद भर पानी नहीं बचा। यहां आमजन ने आने-जाने का आम रास्ता ही बना लिया।

rahatgarh Waterfall drought for the first time raahatagadh

जल संकट को देखते हुए नगर परिषद पहले से ही एक दिन छोड़कर जल प्रदाय कर रही थी उसके बावजूद भी नदी सूख गई। तमाम प्रयासों के बाद जलसंकट दूर करने के लिए नगर परिषद अब सकर गली और मेवाती घाट पर पानी के स्टॉक के भरोसे है, लेकिन यह मात्र दस दिन तक ही नगर वासियों की प्यास बुझा सकता है।
इसके पहले जल समस्या को देखते हुए नगरपरिषद ने लघेरा धाम कुड़ी पर पानी एकत्रित करना शुरू किया, लेकिन वहां से भी पानी खत्म हो गया। इसके बाद वाटर फॉल से इंजनों द्वारा पानी को तीन जगहों पर पलटी कर कर के टंकी तक पहुंचाया। अब वाटरफॉल में पानी खत्म हो चुका है। वाटरफॉल मै अब चार पांच फीट पानी ही शेष बचा है। यह पानी अब बदबूदार होने के कारण पीने लायक नहीं है। नीचे काफी कीचड़ भी है इसलिए नगर परिषद ने इंजन उठवा लिए हैं।
इस वाटरफॉल को देखने प्रदेश के बाहर से भी पर्यटक यहां आते थे। इसका प्राकृतिक सौंदर्य अनूठा है यहां दो धार पहाड़ से गिरतीं हैं एक ८० फीट की ऊंचाई से दूसरी ५६ फीट से। चारों ओर पानी की धुंध छा जाती थी। लोग अक्सर लोग दाल बाटी बनाकर खाने का आनंद लेते थे।
इस स्थान से अनेकों चर्चाएं जुड़ी रही जैसी इस फॉल में जो व्यक्ति गिरा वह कभी बचा नहीं, दूसरा गिरने के बाद व्यक्ति का शव 3 दिन के बाद ही बाहर आता है। यहां पर पानी के अंदर बहुत गहरी गहरी खोए बनी हुई हैं, तो कोई कहता था कि पानी के अंदर भगवान शिव का मंदिर है। तो कोई कहता था कि इसकी गहराई इतनी अधिक है कि 14 खाट का बान यानी रस्सी भी इसके अंदर डाली गई है तो इसकी गहराई का पता नहीं लगाया जा सकता। सबके मत अलग अलग रहे, लेकिन इस भीषण गर्मी ने सभी के मतों को झूठा साबित कर दिया। बस एक कुंड मिला है।
rahatgarh Waterfall drought for the first time raahatagadh
 

सच देखकर काफी दुख हुआ- बुजुर्ग
ग्राम लाल बाग के राजाराम यादव (85) का कहना है कि उन्होंने कभी वाटरफॉल को सूखा नहीं देखा। वे अपने बड़ों से यही सुनते आए थे कि इसकी गहराई नाप नहीं सकते लेकिन आज सच सामने आ गया है।
40 हजार जनता
नगर में कुल 42 हैंडपंप हैं जिनमें से 9 बंद हैं। सरकारी कुआं, तालाब एक भी नहीं है और 2011 की जनगणना के अनुसार नगर की जनसंख्या 31537 जनसंख्या है। वर्तमान में 40000 के आसपास जनसंख्या है।
rahatgarh Waterfall drought for the first time raahatagadh
20 लाख लीटर प्रतिदिन के हिसाब से बस्ती को पेयजल की व्यवस्था की जा रही है अभी हमारे पास करीब दस दिनों की व्यवस्था ओर है। बोर और टैंकरों से जल प्रदाय किया जाएगा
राजेश खटीक, जल विभाग, नगरपरिषद

ट्रेंडिंग वीडियो