scriptकभी लगती थी हीरे जवाहर की मंडी अब ये है हाल | Rahatgarh Waterfall Fair | Patrika News

कभी लगती थी हीरे जवाहर की मंडी अब ये है हाल

locationसागरPublished: Nov 13, 2019 04:16:45 pm

Submitted by:

manish Dubesy

Rahatgarh Waterfall Fair

कभी लगती थी हीरे जवाहर की मंडी अब ये है हाल

कभी लगती थी हीरे जवाहर की मंडी अब ये है हाल

राहतगढ़. जलप्रपात की सुहानी वादियों में कार्तिक माह की पूर्णिमा से तीन दिवसीय मेला शुरू हो गया। मेला गुरुवार तक चलेगा। मेले में आसपास के अंचल से आए लोग इसका आनंद ले रहे हैं। इसमें सभी प्रकार के झूले एवं दुकानें लगाई गईं हैं। बीना नदी जलप्रपात की बीच धारा में भीमसेन भगवान की मूर्ति धार में पड़ी हुई है जिसकी लोग पूजा करते हैं। लोग पूजा पाठ कर प्रसाद चढ़ाते हैं। मेला 75 वर्षों से लगता आ रहा है। यह मेला बैजनाथ मुंशी द्वारा प्रारंभ किया गया था। बताते हैं कि मेला पहले 11 दिन ्िफर 9 दिन फिर 7 दिन और धीरे-धीरे 5 से अब 3 दिन तक सिमट गया है। उस समय मेले में अत्यधिक भीड़ हुआ करती थी इसलिए मेला को 11 दिन भरवाया जाता था। मेले में हजारों की तादाद में लोग एकत्रित होते थे बाहर से बड़ी-बड़ी रामलीला, दिवारी नृत्य का आयोजन किया जाता था। वाटरफॉल से लगे हुए पाटन क्षेत्र मै हीरे,जवाहरात, मोतियों का बाजार भी लगा करते थे, दिन प्रतिदिन यह समय घटता गया और अब यह मेला तीन दिन का ही भरता है कमला बाई (85) के अनुसार जब वे छोटी थी तब से मेले में घूमने जाया करती थी उस समय वाटरफॉल की एक ही धार निकली थी जिसे देखने में बड़ा ही मनमोहक लगता था और भगवान भीम सेन की मूूर्ति जो धार के पास पड़ी हुई है वहां लोग जाकर पूजा अर्चना करते थे। यह क्षेत्र शुरू से ही पांडव कालीन माना गया है यह पर पांडव कालीन के प्रमाण पत्थरों पर भी पाए गए हैं। मेले में आज पुलिस व्यवस्था और वन विभाग के कर्मचारी भी ड्यूटी पर तैनात रहे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो