नजर नहीं आएगा सामने से आ रहा वाहन
वर्तमान में एक अंडर ब्रिज होने के कारण यातायात का दबाव होने के कारण वैसे भी वाहनों की गति धीमी होती है और सामने से आने वाले वाहन भी दूर से नजर आ जाता है, लेकिन नए अंडर ब्रिज के बाद वाहनों गति तो तेज होगी और सामने से आ रहा वाहन नजर न आने के कारण हादसों का खतरा चार गुना बढ़ जाएगा। क्योंकि यह एेसा प्वाइंट है जहां पर करीब पांच रास्तों का ट्रैफिक निकलता है। यहां पर पहले ही सड़क की चौंड़ाई कम है और इसके बाद पैर पसारता अतिक्रमण बाधक बन गया है। नए अंडर ब्रिज तैयार होने के पहले यदि व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो भविष्य में चुनौती बन सकती है।
भगवानगंज की तरह है दोगुनी चौंड़ी सड़क
गुजराती बाजार से अंडर ब्रिज तक की पूरी सड़क फिलहाल सिंगल है, इसके बाद यहां पर अतिक्रमण और बाहर तक सड़क पर फैला दुकानों का सामान यातायात में बाधक है। इसके अलावा इस मार्ग पर सड़क पर चलता वाहन सुधारकों का काम व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सड़क किनारे हो रही पार्र्किंग सड़क को और ज्यादा सकरा बना देता है, जबकि ब्रिज के दूसरी ओर यानी भगवानगंज की तरफ दो गुने से भी ज्यादा चौंड़ा मार्ग है।
चोरी-छिपे हो रही अतिक्रमण की चर्चा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ने अंडर ब्रिज के समीप कुछ अतिक्रमण के संबंध में नगर निगम को पत्राचार किया है, लेकिन अधिकारी बोलने तैयार नहीं है। हालात यह है कि रेलवे के अधिकारी अतिक्रमण को लेकर चोरी-छिपे चर्चा कर रहे हैं। हालांकि इसके लिए जिम्मेदार अन्य विभाग भी अब तक आगे नहीं आए हैं। जिसके कारण यह भी गफलत है कि जिस जगह अतिक्रमण की चर्चा चल रही है वह रेलवे की है, नगर निगम की है, नजूल या फिर आम रास्ते पर किया गया है।