scriptअब ट्रेन में तबीयत बिगड़ी तो इलाज के लिए देनी होगी चार गुना ज्यादा फीस | Railway increased Doctor's fees | Patrika News

अब ट्रेन में तबीयत बिगड़ी तो इलाज के लिए देनी होगी चार गुना ज्यादा फीस

locationसागरPublished: Jul 12, 2018 05:28:08 pm

रेलवे द्वारा पहले यात्रा के दौरान चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाने के एवज में पहले 20 रुपए फीस ली जाती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 100 रुपए कर दिया गया है।

Railway increased Doctor's fees

Railway increased Doctor’s fees

सागर. ट्रेन में यात्रा के दौरान तबीयत खराब होने पर यदि आप डॉक्टर को बुलाते हैं तो अब ज्यादा फीस देना होगी। रेलवे द्वारा पहले यात्रा के दौरान चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाने के एवज में पहले 20 रुपए फीस ली जाती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 100 रुपए कर दिया गया है। दवाई के लिए अलग राशि खर्च करना होगी। हालांकि ट्रेन हादसे के दौरान घायल के इलाज की पूरी जिम्मेदारी रेलवे की ही होगी। रेलवे के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर/ ट्रांसपोर्टेशन ने रेलवे डॉक्टर की फीस बढ़ाने का आदेश जारी किया है।
सामान्य चिकित्सा सेवा ही उपलब्ध
सागर रेलवे स्टेशन में चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए इस साल अप्रैल में सेक्शन मुख्यालय पर असिस्टेंट डिवीजन मेडिकल ऑफिसर के पद पर डॉ. पंकज सिंह को पदस्थ किया गया है, जो 24 घंटे रेलवे को सेवा देते हैं। उनकी अनुपस्थिति में रेलवे हॉस्पिटल में मौजूद नर्स या पैरामेडिकल स्टाफ मरीज का उपचार करता है। सागर में मौजूद डॉक्टर डांगीडहर से मालखेड़ी तक अपनी सेवाएं देते हैं। मेडिकल कॉल आने पर सर्दी, खांसी, बुखार, सामान्य चोट, उल्टी जैसे बीमारी का इलाज किया जाता है।
ऐसे मिलती है रेलवे की सेवा
ट्रेन में तबीयत खराब होने पर यात्री टिकट निरीक्षक, कोच अटेंडर या ट्रेन में चल रहे गार्ड से चिकित्सा सेवा की मांग कर सकता है। उक्त रेल कर्मियों द्वारा कंट्रोल ऑफिस को सूचना देकर अगले स्टॉप पर यात्री को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
दवाई का खर्च अलग से लगेगा
रेलवे के मेडिकल ट्रीटमेंट नियमों की धारा 628 के अनुसार डॉक्टर को मरीज का उपचार करने के एवज में फीस मिलती है। अब बढ़ी हुई फीस भी डॉक्टर के खाते में ही जाएगी। इसमें 10 रुपए में इंजेक्शन और 5 रुपए में ड्रेसिंग की सुविधा नए नियमों में यथावत है।

बोर्ड ने चिकित्सा सेवा की फीस बढ़ाकर 20 से 100 रुपए कर दी है। आदेश प्राप्त होते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। -प्रियंका दीक्षित, प्रभारी वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, डब्ल्यूसीआर

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