सागर

रेल मंत्री ने की घोषणा स्टेशनों पर सिर्फ कुल्हड़ में मिलेगी चाय

कुम्हारों के लिए मिलेगा स्थाई रोजगार

सागरDec 01, 2020 / 05:59 pm

anuj hazari

Railway Minister announced that tea will be available only at Kulhar at stations

बीना. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने देश की सभी स्टेशनों पर आने वाले दिनों में केवल कुल्हड़ में चाय बेचने की घोषणा रविवार को की है। जिसके बाद कुछ दिनों बाद जंक्शन पर भी कुल्हड़ में यात्री चाय का आनंद ले सकेंगे। ऐसा होने के बाद कुम्हारों के लिए भी स्थाई रोजगार मिल सकेगा। गौरतलब है कि यूपीए सरकार में रेलमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने भी देश भर के स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय बेचने का आदेश दिया था जिसके बाद देश भर में कुम्हारों को स्थाई रोजगार मिला था साथ ही डिस्पोजल के उपयोग न होने से पर्यावरण को संवारने के लिए काफी हद तक योगदान रहा था। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे कुल्हड़ की जगह फिर से डिस्पोजल ने ले ली।


प्लास्टिक मुक्त भारत के तहत लिया निर्णय


रविवार को रेलमंत्री ने कहा कुछ ही दिनों में योजना है कि देश के हर रेलवे स्टेशन पर सिर्फ कुल्हड़ में चाय बिकेगी। प्लास्टिक मुक्त भारत में रेलवे का भी यह योगदान रहेगा। इससे लाखों कुम्हार परिवार को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में ही चाय मिलती थी। यह पर्यावरण के लिहाज से भी बेहतर था और गंदगी भी कम होती थी। उसी दौर को फिर से लाया जाएगा।


स्टेशन पर एक दिन में बिकती है करीब पांच हजार कप चाय


स्टेशन पर खानपान की 11 स्टॉल है जिनसे प्रतिदिन करीब सौ कप चाय, कॉफी बिकती है इस लिहाज से 11 सौ कप चाय, कॉफी स्टॉल से बिकती है तो वहीं प्लेटफॉर्म पर वेंडरों द्वारा प्रतिदिन करीब पांच सौ कप चाय, कॉफी बेची जाती है। जानकारी के अनुसार एक दिन में स्टेशन से करीब पांच हजार कप चाय, कॉफी बिकती है। इतनी बड़ी संख्या में डिस्पोजल का भी उपयोग किया जाता है। जो कि पर्यावरण व यात्रियों के शरीर के लिए नुकसानदायक है। इसके बाद यहां पर कुल्हड़ में चाय, कॉफी बेची जाएगी।


कुम्हारों के चेहरे मुस्कुराए


रेलमंत्री के कुल्हड़ में चाय बेचे जाने के आदेश के बाद कुम्हारों के चेहरों पर मुुस्कान आ गई है। क्योंकि गर्मियों में मटका, दिवाली पर दीए ही बेचे जा सकते है। लेकिन कोई भी ऐसा काम कुम्हारों के पास नहीं रहता है जो कि पूरे वर्ष चल सके। लेकिन अब कुल्हड़ आने से कुम्हारों के लिए स्थाई रोजगार मिल सकेगा।


एक से डेढ़ रुपए आती है लागत


फुटकर में दो तो थोक में कुल्हड़ लेने पर इसकी कीमत कुल एक से डेढ़ रुपए ही रहती है। स्थानीय स्तर पर तो कुल्हड़ का निर्माण होता ही साथ ही बैतूल, कटनी, गुजरात की मिट्टी कुल्हड़ बनाने के लिए अनुकूल है इसलिए वहां से भी कुल्हड़ बुलाए जाते हैं।


तुलसीराम प्रजापति, कुम्हार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.