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यहां रेलवे ट्रैक हुआ नदी में तब्दील, ट्रेन की रफ्तार पर लगा ब्रेक, पढ़ें खबर

locationसागरPublished: Aug 16, 2019 08:49:36 pm

Submitted by:

anuj hazari

भोपाल से बीना के बीच लगभग सभी स्टेशनों पर खड़ी रही ट्रेन

 Railway track turned into river here, brake on train up

Railway track turned into river here, brake on train up

बीना. बुधवार रात से शुरू हुई बारिश ने गुरुवार को ट्रेनों की रफ्तार पर भी बे्रक लगा दिया। जिसमें गुरूवार सुबह साढ़े आठ बजे के बाद भोपाल, सागर, गुना की ओर से आने वाली एक भी ट्रेन झांसी की ओर नहीं जा सकी, जिसके कारण सैकड़ों यात्री परेशान होते रहे। बुधवार रात से शुरू हुई बारिश ने गुरुवार को अपना विकराल रूप दिखा दिया। बीना से जाने के बाद धौर्रा स्टेशन के पहले खेतों की मेढ़ टूटने के कारण कई खेतों का पानी एकत्रित होकर रेलवे ट्रैक के पर गिरने लगा। पानी इतना ज्यादा था कि वहां से निकलने वाली सभी ट्रेनों को जहां-तहां खड़ा कर दिया। क्योंकि ट्रैक पूरी तरह से नदी का रुप ले चुका था। चूंकि इसकी निकाली के लिए वहां पर पर्याप्त जगह नहीं थी। ट्रैक के निचली जगह पर होने का कारण अन्य जगहों का पानी भी इसी जगह पर एकत्रित हो रहा है। बीना से झांसी की ओर जा रही एक टे्रन के ड्राइवर ने तत्काल इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों के लिए दी। जिसके बाद रेलवे ने जेसीबी सहित राहत दल मौके पर पहुंचाया और पानी के बहाव को रेलवे ट्रैक पर गिरने से रोकने के लिए उसे मिट्टी, गिट्टी व पत्थर से भरकर बंद किया और अन्य जगह से पानी का रास्ता बदला गया, ताकि लाइन को चालू किया जा सका। सुबह आठ बजे के बाद राहत कार्य शुरू किया गया, जिसे दोपहर दो बजे तक पूरा कर लिया गया। भोपाल से बीना के बीच लगभग सभी स्टेशनों पर सवारी गाडिय़ां व मालगाडिय़ां खड़ी रही, लेकिन ट्रैक बंद रहने के कारण उन्हें घंटों तक इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा झांसी से बीना की ओर आने वाली टे्रनों के लिए भी पिछली स्टेशनों पर पानी कम होने तक रोककर रखा गया। इनके अलावा ऐसी ट्रेनें भी लेट हुईं जिनका स्टॉपेज बीना में नहीं था।
तीसरी लाइन का कुछ हिस्सा पानी में बहा
बीना से भोपाल के बीच तीसरी लाइन पर गनेशा पुल के पास किलोमीटर नंबर 973/17 ए के पास तीसरी लाइन के नीचे से मिट्टी बह गई। यदि रेलवे अधिकारियों के लिए इसकी जानकारी मिलने में जरा भी देर हो जाती तो पानी के कारण कुछ ही देर में ओएचई लाइन का खंभा भी गिर जाता, लेकिन रेलवे लाइन की जांच कर रहे कर्मचारियों ने समय रहते इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी, जिसके बाद तुरंत लाइन में गिट्टी की बोरियां भरकर उसे सही किया। इसके बाद इस लाइन से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा का कॉशन लेकर ट्रेनों को निकाला जा सका।

ये टे्रनें हुई लेट

छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस – 4.42 मिनट
झेलम एक्सप्रेस – 5.22 मिनट
उद्योगकमी एक्सप्रेस – 5.50 मिनट
अंडमान एक्सप्रेस – 4.46 मिनट
पंजाबमेल एक्सप्रेस – 5.54 मिनट

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