करीब 35 दिन करना पड़ा था पानी लिफ्ट
वर्ष-2016 में बांध में जलस्तर कम होने पर नगर निगम प्रशासन को करीब 35 दिनों तक पानी लिफ्ट करना पड़ा था। इस दौरान निगम प्रशासन ने करीब 30 से ज्यादा ट्रैक्टर पंप के जरिए बांध से पानी खींचा था तो वहीं शहर में करीब 60 लाख रुपए के पानी के टैंकरों की सप्लाई की थी जिसमें कई गंभीर आरोप लगे थे।
उज्जैन के मड पंप आएंगे काम
वर्ष-2016 जैसे हालात बनने के बाद निगम प्रशासन इसलिए निश्चिंत नजर आ रहा है क्योंकि उनके पास अब भी उज्जैन से आए मड पंप हैं। वर्ष-2016 में जिन मड पंपों की सहायता से मां नर्मदा का जल क्षिप्रा नदी तक लगाया गया था उन्हीं पंपों से बांध में स्थित नदी से पानी लिफ्ट करके चैम्बरों की सहायता से इनटकवेल तक पहुंचाया गया था। इधर निगम प्रशासन ने सेना को पानी देने के मामले में फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि सेना को कब पानी छोडऩा है, इसका निर्णय एक-दो दिन में लेंगे।