जल्द शुरू हो पाएगी राजघाट से विधिवत सप्लाई
राजघाट में एक क्लेरीफायर का बेरिंग टूटने से बनी स्थिति

सागर. राजघाट बांध में क्लेरीफायर में आई खराबी को मंगलवार की शाम तक दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। मंगलवार तक सुधार कार्य पूर्ण होने के बाद बुधवार से शहर में पूर्व की भांति जलापूर्ति की जाएगी।
महापौर अभय दरे ने बताया कि राजघाट से दो पम्प एक साथ चलने पर सभी टंकियों व डायरेक्ट लाइनों की सप्लाई होती है। राजघाट फिल्टर प्लांट पर दो क्लेरीफायर में से एक में बारिश के कारण भारी मात्रा में मिट्टी जमा हो गई है। साथ ही एक बड़ा बेरिंग टूट जाने के कारण यह क्लेरीफायर काम नहीं कर रहा है जिसका सुधार कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही मिट्टी भी निकाली जा रही है। महापौर दरे ने सुधार
कार्य में धीमी रफ्तार पर उपयंत्री रामाधर तिवारी को फटकार भी लगाई। उन्होंने कहा कि कई वार्डों में दो दिन के अंतराल से जलापूर्ति की जा रही है लेकिन जो क्षेत्र ऊंचाई पर हैं वहां पर पानी के प्रेशर की समस्या आ रही है। उन्होंने निगम अधिकारियों को निर्देशित किया है कि एेसे स्थानों पर टैंकरों के जरिए जल सप्लाई किया जाए ताकि लोगों को परेशानी का सामना न
करना पड़े।
सागर. राजघाट बांध में फिल्टर प्लांट के क्लेरीफायर में तकनीकी खराबी आ जाने से शहर की सप्लाई प्रभावित होने लगी है। बीते दिन आई खराबी के बाद रविवार को पूरे दिन सुधार चलता रहा।
उपयंत्री रामाधर तिवारी ने बताया कि मरम्मत शुरू करने के पहले क्लेरीफायर को पूरी तरह से खाली करना पड़ा है। सुधार के साथ क्लेरीफायर में जहां कीचड़ आदि था, उसे भी साफ किया जा रहा है। रविवार की देर रात या फिर सोमवार की दोपहर तक सुधार कार्य पूरा होने की उम्मीद है। शहर में एक-एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जाती है लेकिन क्लेरीफायर में तकनीकी खराबी आने के कारण अब दो दिन छोड़कर जलापूर्ति हो रही है।
सबसे ज्यादा समस्या डायरेक्ट सप्लाई वाले वार्डों में हैं, जहां पाइपलाइन में पे्रशर न बनने के कारण ऊंचाई वाले स्थानों पर पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इंटकवेल पंप हाउस पर दो पंप चलते हैं पर क्लेरीफायर की खराबी से एक पंप को बंद करना पड़ा है।
यही वजह है कि ओवरहेड टैंक भरने में दोगुना से ज्यादा समय लग रहा है। हांलाकि ओएचटी वाले क्षेत्रों में लोगों को पानी के प्रेशर की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
मटमैले पानी ने लोगों को किया परेशान
राजघाट से शहर में हो रही जल सप्लाई में मटमैला पानी घरों तक पहुंचाया जा रहा है। निगमकर्मियों की दलील है कि बरसात के मौसम में बांध में स्थित नदी में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है जिसके कारण पानी मटमैला हो जाता है। हैरानी की बात यह है कि परिषद की बैठक में कैमिस्ट की नियुक्ति के लिए तीन साल से चर्चा हो रही है, फिर भी जिम्मेदार एक भी नियुक्ति नहीं करवा पाए हैं।लोगों ने बताया कि जलसप्लाई समय पर नहीं होने के कारण बारिश के इस मौसम में भी पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ा। उन्हें जिस तरह गर्मी के मौसम में हैंडपंप व कुओं से पानी भरना पड़ता था, वैसे ही इस मौसम में पानी भरना पड़ा। नगर निगम प्रशासन को पानी जैसी बुनियादी सुविधा मुहैया कराने के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए।
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