चैत्र नवरात्र के आठवें दिन अष्टमी व नवमी एक साथ मनाई जाएंगी। अष्टमी के दिन ही सुबह 8.19 बजे नवमी तिथि प्रारंभ होगी, जो अगले दिन सुबह 6.04 बजे तक रहेगी। भगवान राम का जन्म पुष्य नक्षत्र में दोपहर 12 बजे हुआ था। इसलिए रामनवमी 14 अप्रैल को दोपहर 12 बजे से पहले मनाना शुभ रहेगा। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि इस मायने में विशेष महत्व रखती है क्योंकि उदयकालीन तिथियां तो पूरी नौ रहेगी लेकिन मत-मतांतर के अनुसार अष्टमी के साथ ही रामनवमी का पर्व भी मनाया जाएगा।
खरीदारी के लिए शुभ
पुष्य नक्षत्र और राम नवमी के दिन भूमि, भवन, वाहन, ज्वैलरी, इलेक्ट्रिक सामान आदि खरीदने के लिए भी सर्वश्रेष्ठ दिन रहेगा। पुष्य नक्षत्र में खरीदारी शुभदायक होती। बाजार में इसके लिए खास तैयारी की गई है।