script29 महीने लगातार लापरवाही करने के बाद भी नहीं चेती रैमकी | Ramki worked carelessly 29 months, even after not got lesson | Patrika News

29 महीने लगातार लापरवाही करने के बाद भी नहीं चेती रैमकी

locationसागरPublished: Apr 19, 2019 09:54:15 pm

प्रतिमाह बिल जनरेट और वितरण करने में एक बार फिर की लापरवाही, अप्रैल माह के बिल जनरेट करने पर नहीं हो रहा काम, एजेंसी अब तक बड़े बकायादारों के बिल भी नहीं कर पाई जारी

Ramki worked carelessly 29 months, even after not got lesson

29 महीने लगातार लापरवाही करने के बाद भी नहीं चेती रैमकी

सागर. सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट के तहत घर-घर से हो रहे कचरा कलेक्शन के बिलों में 29 महीनों तक लगातार लापरवाही करने के बाद भी रैमकी इन्वायरो लिमिटेड की आंखें नहीं खुली हैं। जनता को 29 महीनों के यूजर चार्ज की राशि एक साथ थोपने के बाद अप्रैल के महीने में एजेंसी ने फिर से एेसी ही लापरवाही की है। जानकारी के मुताबिक अप्रैल महीने के कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज के बिल रैमकी ने जनरेट नहीं किए हैं, जिसके कारण आगामी महीनों में जनता के सामने एक बार फिर से एकमुश्त राशि बिल के रूप में पटक दी जाएगी। इस मामले में रैमकी के सिटी मैनेजर अमित दुबे का कहना है कि हर महीने बिल जनरेट करके उनका बांटना मुश्किल काम है। इस यूजर चार्ज को संपत्ति कर या जलकर के बिलों में मिलाकर जारी करने में सहूलियत होगी।

एजेंसी अपनी सहूलियत के लिए डुबा रही निगम
तय गाइडलाइन के मुताबिक कचरा के यूजर चार्ज के बिल रैमकी को ही जनरेट करके उपभोक्ताओं तक पहुंचाने हैं लेकिन एजेंसी ने एक बार भी बिल वितरित नहीं किए। रैमकी अब अपनी सहूलियत के लिए कचरा के बिल दूसरे तरीके से जारी करवाने की फिराक में है। इसके विपरीत अपना पैसा निगम प्रशासन से हर दो से तीन महीनों में वसूलता रहा। जानकारी के मुताबिक एजेंसी निगम प्रशासन से अब तक 10 से 12 करोड़ की राशि वसूल चुका है और बकाया राशि के लिए भी समय-समय पर दबाव बनाता रहता है।

तीन साल बाद आया सर्वे का होश
निगम प्रशासन के पास शहर के उपभोक्ताओं का सही डॉटा नहीं है, यह बात शुरुआत में ही सामने आ गई थी लेकिन एजेंसी बिलों की प्रिंटिंग और उनके वितरण से बचने के लिए मामले को लंबे समय तक टालती आई। इसके मामले में रैमकी से ज्यादा लापरवाही निगम प्रशासन की सामने आ रही है जिसने यूजर चार्ज की वसूली पर ध्यान नहीं दिया और इधर एजेंसी को करोड़ों रुपए का भुगतान भी करता रहा।

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