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होलिका दहन के साथ शुरू होगा रंगोत्सव, बाजार बंद होने के पहले अमृत सिद्धी योग में होलिका दहन

locationसागरPublished: Mar 27, 2021 09:03:29 pm

Submitted by:

Atul sharma

होलिका दहन के साथ रविवार से पांच दिवसीय रंगोत्सव का पर्व होली शुरू हो जाएगा। होलिका दहन में इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा और शाम 7 बजे के बाद शहरवासी अपनी सुविधानुसार कभी भी होली जला सकेंगे। अधिकतर समितियां रात 10 बजे के पहले होली जलाएंगी।

सागर.होलिका दहन के साथ रविवार से पांच दिवसीय रंगोत्सव का पर्व होली शुरू हो जाएगा। होलिका दहन में इस बार भद्रा का साया नहीं रहेगा और शाम 7 बजे के बाद शहरवासी अपनी सुविधानुसार कभी भी होली जला सकेंगे। अधिकतर समितियां रात 10 बजे के पहले होली जलाएंगी। समितियों द्वारा 8 बजे का समय निर्धारित किया गया है ताकि नाइट कफर््यू के पहले होलिका दहन हो जाए। होलिका दहन के लिए समितियों ने तैयारी कर ली है लेकिन भीड़ एकजुट न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। शहर के सिविल लाइन, गोपालगंज, तिली, मकरोनिया, सदर, कटरा, तीन बत्ती, गुजराती बाजार, बड़ा बाजार, भगवानगंज, सिंधी कैंप, मोतीनगर सहित सभी इलाकों के लिए 200 से Óयादा गली-चौराहों पर होलिका दहन होगा। शहर के कई स्थानों पर कंडों की होली जलाने के बाद चारों ओर रंग-गुलाल बरसेगा। दहन के एक दिन पहले शनिवार को बाजारों में रंग गुलाल सहित पिचकारियों की दुकानों में खरीद्दारों की जबरदस्त भीड़ रही।
पंचाग के अनुसार 28 मार्च को शाम 5 बजकर ३6 मिनट से अमृत सिद्धि योग आरंभ होगा। होलिका दहन भी इस योग में ही किया जाएगा। इस वर्ष ग्रहों का अद्भुत संयोग इस बार होलिका दहन की रात्रि आज गुरु और शनि गत वर्ष की तरह एक ही राशि में विरोजमान होंगे। यह भी दुर्लभ संयोग माना जा रहा है। शुक्र भी अपनी उ’च राशि में होंगे और सूर्य मित्र राशि में ग्रहों का यह संयोग शुभ माना जा रहा है।
होलिका दहन का मुहूर्त
पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि होलिका दहन पंचांग के अनुसार 28 मार्च रविवार को किया गया जाएगा। इस दिन पूर्णिमा की तिथि है। होलिका दहन का मुहूर्त शाम 6 बजकर ३7 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। रंगों की होली 29 मार्च को खेली जाएगी। पंचांग के अनुसार 29 मार्च सोमवार को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि में रंगों की खेली खेली जाएगी।
भीतर बाजार में सजी होलिका और प्रहलाद की झांकी

होलिका दहन के चलते शहर में तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहर की सबसे बड़ी एवं प्रसिद्घ भीतर बाजार क्षेत्र में होलिका दहन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां होलिका की गोद से भक्त प्रहलाद को सुरक्षित बचाने की प्रस्तुति दी जाती है। यहां भक्त प्रहलाद और बुआ होलिका की झांकी भी सजाई है। वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार होलिका दहन होगा।
दहन के साथ आज समाप्त हो जाएगा होलाष्टक

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से लेकर पूॢणमा तिथि तक होलाष्टक माना जाता है। होलाष्टक होली दहन से पहले के 8 दिनों को कहा जाता है। 21 मार्च से होलाष्टक लगे थे जो आज समाप्त हो जाएंगे। Óयोतिष शास्त्र में होलाष्टक को अशुभ समय माना गया है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इस संदर्भ में पौराणिक कथा है कि राजा हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। जब ये बात हिरण्यकश्यप को पता चली तो उसने प्रह्लाद को समझाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन प्रहलाद नहीं माना। तब हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को यातनाएं देना शुरू की, लेकिन प्रहलाद की भक्ति में कोई कमी नहीं आई।
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