सोमवार की सुबह जब नगर निगम और एजेंसी के वाहन ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा को समतल करने का काम कर रहे थे, तभी धर्मकांटा के पास रहने वाले लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया और करीब एक घंटे बाद जेसीबी मशीन को बंद करवा दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राउंड पर क्षमता से ज्यादा कचरा जमा किया जा चुका है, इसके कारण क्षेत्र में बदबू से लोगों का दम घुटने लगा है। निगम के सामने एक बार फिर से चुनौती खड़ी हो गई है। अगस्त-2016 में हफसिली के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा डालने को लेकर विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था। बाद में तत्कालीन कलेक्टर विकास नरवाल ने यहां कचरा डालने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद जिला व निगम प्रशासन ने अमावनी ट्रेंचिंग ग्राउंड का चयन किया था। हालांकि, इस जगह पर तीन से चार महीने ही कचरा डालने का निर्णय हुआ था, लेकिन अधिकारी रैमकी एजेंसी को अनुबंध के मुताबिक अब तक कचरा प्लांट लगाने के लिए पीसीबी से स्वीकृति व ट्रेंचिंग ग्राउंड उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। बताया जा रहा है कि मकरोनिया नपा व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के दबाव के बाद क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम होने लगा है। इसके कारण अमावनी में कचरा की मात्रा पिछले दिनों की तुलना में बढ़ गई है। हालांकि, निगम प्रशासन का कहना है कि अमावनी में चौबीस घंटे पोकलेन मशीन, जेसीबी कचरे को व्यवस्थित कर रही हैं और दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है।
जिम्मेदार बोले
उपायुक्त आरपी मिश्रा मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। ग्रामीणों ने कहा कि यदि मंगलवार को फिर से यहां पर कचरा डलवाने की कोशिश की तो चक्काजाम भी करेंगे।
&कलेक्टर से चर्चा हुई है। कल ग्रामीणों को समझाइश देंगे कि अमावनी में ज्यादा दिन कचरा नहीं डाला जाएगा। एक-दो महीनों में मसवासी ग्रंट में पब्लिक हियरिंग के बाद प्लांट लगाने की अनुमति मिल जाएगी।
अनुराग वर्मा, निगमायुक्त
&हमारे सभी वाहनों में कचरा भरा हुआ है। सोमवार को एक भी गाड़ी ट्रेंचिंग ग्राउंड पर अनलोड नहीं हो पाई है। हम यह कचरा कहां फेंकें। यदि एेसा हुआ तो मंगलवार से काम प्रभावित होगा। निगम को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया है।
अमित दुबे, असिस्टेंट मैनेजर, रैमकी