सागरPublished: Jul 03, 2019 09:08:32 pm
sachendra tiwari
नगरपालिका ने बारिश पूर्व की सिर्फ रस्म अदायगी
Roads became bog by rain
बीना. लंबे समय से गर्मी, उमस से परेशान लोगों को लगातार बारिश के बाद राहत मिली। मंगलवार की रात से शुरू हुई बारिश रात भर रुक-रुक कर होती रही और बुधवार को भी सुबह से कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश जारी रही। बारिश के कारण शहर के कुछ वार्डों के लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ा।
चंद्रशेखर वार्ड की माथुर कॉलोनी में नाली निर्माण का कार्य कई महिनों से चल रहा है, लेकिन काम पूरा नहीं हो पाया है और बारिश के बाद सड़क पर मिट्टी फैल गई है, जिससे सड़क दलदल बन गई है। वार्डवासियों को यहां पैदल निकलने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाइक काली मिट्टी में फंस रही है। जबकि नगरपालिका के अधिकारियों को बारिश पूर्व ही विधायक महेश राय ने निरीक्षण कर नाली जल्द बनाने के निर्देश थे। इसके बाद भी यहां काम में गति नहीं लाई गई और अब वार्डवासी परेशान हो रहे हैं। नाली अधूरी होने के कारण वार्ड का पानी भी बाहर नहीं निकल पाएगा, जिससे तेज बारिश होने पर वार्ड में पानी भर जाएगा। पिछले वर्षों में भी यहां के हालात बहुत खराब थे।
नालियां हुई ओवरफ्लो, सड़कों पर भरा पानी
वार्डों की नालियां साफ न होने के कारण नालियों का पानी सड़कों पर भरा हुआ है। पाठक वार्ड, चन्द्रशेखर वार्ड, खिरिया वार्ड, प्रताप वार्ड, वीरसावरकर वार्ड सहित शहर के सभी वार्डों में यही स्थिति बनी हुई है। खिरिया वार्ड में नाले का पानी सड़क पर आ जाने के कारण पूरी सड़क पर गंदगी फैली हुई है। चंद्रशेखर वार्ड में अस्पताल के बाजू से नाली चोक होने के कारण पूरी सड़क पर पानी भर गया था। इसके बाद भी नपा द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि यहां लोगों ने पहले शिकायत भी दर्ज कराई थीं।
किसानों के खिले चेहरे
मानूसन में हो रही देरी के कारण किसान चिंतित थे और कुछ किसानों ने बारिश कम होने पर भी बोवनी कर दी थी, जिससे फसल खराब होने का डर बना था। बारिश होने के बाद अब किसान खुश हैं। जिन किसानों ने बोवनी कर दी थी अब वह फसल अच्छी होगी। साथ जो किसान बोवनी करने से रह गए हैं वह बारिश खुलते ही बोवनी कर देंगे। बारिश के बाद मौसम में ठंडक घुल गई है और लोगों को कई दिनों बार गर्मी, उमस से राहत मिली है।
रातभर में हुई 15 एमएम बारिश
मंगलवार रात से बुधवार सुबह 8 बजे तक 15.2 एमएम बारिश दर्ज की गई है। साथ ही इस वर्ष अभी तक कुल 72.2 एमएम बारिश हुई है। पिछले दो वर्षों से जून माह में कम बारिश दर्ज हो रही है। पिछले वर्ष भी ३ जुलाई तक लगभग इतनी ही बारिश हुई थी।
तहसील में बना बाढ़ नियंत्रण कक्ष
तहसील में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। यहां चौबीसों घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कहीं भी आपदा आने पर कंट्रोल रुम को सूचना दी सकती है, जिससे तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा सके। कंट्रोल रुक का नंबर 07580-225588 है। क्षेत्र के बीना नदी किनारे बसे गांव रेता, मुहांसा, बरोदियाघाट, कैथनी रैयतवारी, हांसुआ, कजरई, बेतवा नदी किनारे हांसलखेड़ी, लखाहर, हिन्नौद, गोची, महूटा, कंजिया, पिपरासर भूट, नरेन नदी किनारे चमारी, पालीखेड़ और परासरी नदी किनारे परासरी, बेधई गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं। साथ ही शहर की निचली बस्तियों में मोतीचूर नदी का पानी पहुंच जाता है।