अगले तीन महीनों में दिखेगा बदलाव
एसएससीएल के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर व निगमायुक्त अनुराग वर्मा ने बताया कि हम लोगों ने अभी सिर्फ प्रयास ही शुरू किए हैं। जब जमीनी स्तर पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा तो रैंकिंग में और सुधार आएगा। मास्टर प्लान के लिए सर्वे जैसे प्रयास भी किए जा रहे हैं और फिर उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि जब से यहां पर प्रमुख नियुक्तियां हुईं हैं तब से लगातार कार्य हो रहा है। जिस कार्य के लिए जितनी समयसीमा निर्धारित की गई है, हम उसको उसी अवधि में पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।
इन दो वजहों से सुधरी रैंकिंग
पहली वजह एसएससीएल ने शहर में 12 चौराहों पर आइटीएमएस की सुविधा, 3 पार्कों के सौंदर्यीकरण, इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर की स्थापना, डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कॉलेजों-स्कूलों समेत अन्य जगहों पर वर्कशॉप जैसे आयोजन किए। इसी पब्लिक कनेक्टिविटी सोच के साथ स्मार्ट सिटी के शुरुआती कदम बढ़ाए गए और उनकी डीपीआर पर काम किया जा रहा है, जिसके कारण शहर की रैंकिंग में सुधार हुआ। वहीं स्मार्ट सिटी मिशन में योजनाओं व प्रोजेक्ट्स के कंवर्जेंस का ऑप्शन भी है। इसके तहत चौबीस घंटे वॉटर सप्लाई वाला प्रोजेक्ट, सीवर प्रोजेक्ट समेत अन्य विकास कार्यों की राशि जल्द ही एसएससीएल के तहत कंवर्ट हो जाएगी। ये कार्य भी एसएससीएल के दायरे में आ जाएंगे।
शहरों की रैंक
5- भोपाल, 14- इंदौर, 19- सागर, 30 उज्जैन, 31- जबलपुर