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सागर-भोपाल की पुलिस ने डेरे से दो को दबोचा

छोटू और लंगड़े कंजर से मिला सुराग

सागरJul 03, 2018 / 09:42 am

sunil lakhera

Sagar-Bhopal police two people Dera Attacks on lawyers the gang kanjar

सागर. 24 जून को एनएच-26 पर मालथौन के पास ग्वालियर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत अन्य वकीलों को लूटने वाले कंजर गिरोह की छोटी सी भूल ने पुलिस को उन तक पहुंचा दिया। एक लंगड़े कंजर की पहचान से गिरोह का पर्दाफाश हुआ। पुलिस की एसआइटी ने एक सप्ताह के अंदर ही भोपाल के पास बैरसिया के ढेकपुरा कंजर डेरा से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर लूटी गईं दो अंगूठी, साढ़े 55 हजार रुपए नकद और एक कार बरामद कर ली है। पुलिस छह अन्य कंजरों को तलाश रही है। पुलिस ने गिरफ्तार सबल और घासीराम से पूछताछ के लिए रिमाण्ड मांगी है।
दबिश दी तो दो भाग निकले
जानकारी के अनुसार वारदात के बाद वकीलों द्वारा बनवाए गए स्कैच व लुटेरों में शामिल एक कंजर के लंगड़े और दूसरे का कद सबसे छोटा होने की जानकारी के बाद दर्जनभर स्थानों पर सॢचंग की गई। बैरसिया के करारिया कस्बे के पास ढेकपुरा डेरे में रहने वाले झनक और इमरत कंजर का नाम सामने आया। पुलिस ने दबिश दी तो दोनों भाग गए।
करारिया डेरा निवासी सबल सिंह पुत्र प्रीतम (19) और घासीराम पुत्र हरिसिंह कंजर (27) हत्थे चढ़ गए। पूछताछ में राजू, झनक, इमरत, बबलू, लक्ष्मन कंजर निवासी करारिया डेरा और ब्रजेश उर्फ करछी कंजर निवासी छवड़ा जिला बारां राजस्थान के नाम फोरलेन लूट की वारदात में शामिल आए।
जिसने पहले लूट की, उसी ने दिखाया था रास्ता
वकीलों से लूट को आठ कंजरों ने अंजाम दिया था। वारदात में ब्रजेश उर्फ करछी को छोड़कर अन्य सभी कंजर नए थे। ब्रजेश फरवरी में इसी हाइवे पर गुड़ा पहाड़ी के नजदीक चार ट्रकों को लूटने वाले गिरोह में भी शामिल था। तब सागर, छतरपुर, मऊरानीपुर और झांसी में गिरोह ने सात वारदात की थीं। एक ट्रक चालक की मौत हो गई थी। ब्रजेश 24 जून की वारदात में बैरसिया के कंजर डेरे से साथियों को सिरोंज, कुरवाई, बीना, खिमलासा होते हुए मालथौन लेकर पहुंचा। उसने प्रेमपुरा के पास कार को खिमलासा सड़क पर खड़ा कर हाइवे पर घात लगाई थी। वारदात के बाद ये दो हिस्सो में अलग-अलग दिशा में रवाना हुए थे।
लकड़ी-पत्थर को बना लेते हैं हथियार, संभलने का मौका भी नहीं देते
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर सिंह ने बताया कि कंजर लुटेरे कोई हथियार को लेकर नहीं जाते। प्लानिंग अलग ही तरह की होती है। वकीलों को निशाना बनाने के लिए लुटेरों ने सड़क पर नुकीले पत्थर की रांपी बनाई और जैसे ही कार पंचर हुई जंगल से उठाई गई पेड़ की टहनियों से हमला कर वकीलों को लहूलुहान कर दिया।कंजर लुटेरे वारदात के दौरान शिकार पर इतनी तेजी से हमला करते हैं कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिलता और कई
बार हमले में उसकी मौत भी हो जाती है।
बच्चों को उठाकर महिलाओं ने पत्थर पर पटककर मारने की दी धमकी
एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने बैरसिया (करारिया) के कंजर डेरे में लुटेरों के छिपे होने की जानकारी के बाद सागर और भोपाल से पुलिस की करीब दस गाडि़यों से पुलिस बल पहुंचाया। यदि इतना पुलिस बल सर्चिंग में नहीं गया होता तो सबल और घासीराम को दबोच पाना मुश्किल था। जैसे ही पुलिस ने डेरे पर दबिश दी तो महिलाएं एक-डेढ़ साल के दुधमुंहे बच्चों को लेकर बाहर निकल आईं। उन्होंने बच्चों को उठा लिया और पुलिस के आगे बढऩे पर बच्चों को पत्थर पर पटककर मार डालने की धमकी भी दी। इस बीच अधिकारियों ने सबल, घासीराम को पकड़ लिया।
एसटीएफ से नहीं मिला इनपुट- पड़ताल के लिए एसटीएफ को भी भेजा गया था, पर वह इनपुट नहीं जुटा पाई। एसआइटी में शामिल खुरई एसडीओपी रविप्रकाश भदौरिया, टीआई बीना कमल निगवाल, टीआई मालथौन ज्ञानेन्द्र सिंह बघेल, निरीक्षक राजेश बंजारे, खुरई देहात थाना प्रभारी एसआई चंदजीत बैरसिया थाना एसआई रमन ठाकुर, राजेश सिकरवार, आदित्य प्रताप ङ्क्षसह, वैभव तोमर, विवेक राय, एएसआइ नवरंग सिंह सेंगर सहित 17 जवानों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
कार-बाइक से पहुंचे थेे- एसडीओपी रविप्रकाश भदौरिया के अनुसार एसआइटी को पड़ताल के दौरान टोल बैरियर के फुटेज भी मददगार साबित हुए। वारदात स्थल से करीब एक किमी दूर खिमलासा रोड पर 24 जून की रात लोगों ने जिस कार को काफी देर तक खड़ा देखा था वह खिमलासा टोल से गुजरी थी। आने-जाने का समय वारदात के आगे-पीछे का था। यही कार बैरसिया में पुलिस ने एक मैकेनिक के पास से बरामद की है। एक बाइक जब्त करना शेष है।

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