सागरPublished: Aug 12, 2018 05:04:34 pm
manish Dubesy
निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की बू, जमकर हो पैसों की बर्बादी
Sagar Central University Creating a Square Feet in Rs 6000
एक क्वार्टर के निर्माण में करीब 83 लाख 72 हजार रुपए खर्च किए गए हैं
सागर. प्रदेश व देश को नए-नए तरह के फर्जीवाड़ा से चौंकाने वाले डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में निर्माण कार्यों में एक बड़ा घालमेल सामने आया है। विवि प्रशासन ने अपने कर्मचारियों के लिए पथरिया जाट ग्राम में टाइप-फाइव के ३६ आवासीय क्वाटर्स 30 करोड़ 14 लाख रुपए की लागत से बनवाए हैं, यानि एक क्वाटर के निर्माण में करीब ८३ लाख ७२ हजार रुपए खर्च किए गए हैं, जिसकी प्लॉट साइज करीब 1400 वर्ग फीट है। इस सारे गुणाभाग में विवि प्रशासन ने आवासों में एक वर्ग फीट के निर्माण पर करीब 5980 रुपए खर्च किए हैं, जिसे सुनकर शहर के बिल्डर्स व कॉलोनाइजर्स चौंकने पर मजबूर हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इतना पैसा बहाने के बाद भी विवि के इंजीनियर्स की टीम ने इसमें 7 खामियां भी निकाली हैं।
असंभव जैसा है यह काम है: इंजी. दरे
शहर के जानेमाने बिल्डर व महापौर इंजी. अभय दरे का कहना है कि वर्तमान में १२०० वर्गफीट के हिसाब से कंस्ट्रक्शन का कार्य चल रहा है। पीओपी समेत अन्य प्रकार का इंटीरियर कार्य करने पर इसकी लागत १५०० वर्ग फीट तक भी जा सकती है लेकिन लगभग ६ हजार रुपए वर्ग फीट में तो देश के किसी भी हिस्से में काम नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि वे खुद भोपाल जैसे शहर में काम कर रहे हैं।
देश के कई बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स संपर्क में हैं, आज
तक इतने रेट पर काम होने की बात सामने नहीं आई है।
यह हैं प्रमुख खामियां
आवासों की वॉटर सप्लाई पाइपलाइन में जगह-जगह खामियां निकलीं हैं।
फायर फाइटिंग सिस्टम के वॉटर टैंक से पानी रिस रहा है। टैंक में सफाई कार्य करने के लिए सीढि़यां नहीं लगाईं गईं हैं।
छत पर बने आरसीसी वॉटर टैंक के लिए सीढि़यां नहीं बनाई गईं हैं जिसके कारण यहां का सफाई कार्य प्रभावित होगा।
छह मंजिला इमारत के ऊपरी वाले फ्लेट्स में पानी नहीं पहुंच रहा है। (सीपीडब्ल्यूडी ने किया है निर्माण)