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BMC: एमसीआई टीम के निरीक्षण में सामने आए चौकाने वाले मामले, पीडिया वार्ड में तो खुद हैरान रह गए थे अधिकारी…यहां पढ़ें पूरे मामले

बीएमसी द्वारा खामियां दूर करने के संबंध में भेजी रिपोर्ट के बाद एमसीआई के तीन सदस्यीय दल ने किया बीएमसी का निरीक्षण

सागरDec 07, 2017 / 12:16 pm

आकाश तिवारी

Sagar latest news MCI team inspected by BMC

सागर. बाईं तरफ लिखे यह सवाल-जवाब जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक्स विभाग के बच्चा वार्ड में बुधवार को निरीक्षण करने पहुंची एमसीआई की टीम और डॉक्टर के बीच हुए। दरअसल, निरीक्षण के दौरान बच्चा वार्ड में अधिकांश पलंग खाली थे। गिनती के बच्चे ही वहां भर्ती थे। प्री-पीजी के निरीक्षण के लिए एमसीआई की टीम सुबह ९ बजे बीएमसी पहुंच चुकी थी। जहां से तीन सदस्यों ने अलग-अलग निरीक्षण शुरू किया था। पीडिया में भर्ती बच्चों की संख्या कम पाए जाने पर टीम ने हैरानी भी जताई। हालांकि जब उन्होंने भर्ती रजिस्टर की जांच की तो स्थिति संतोषजनक ही मिली।
कम्प्लाइंस रिपोर्ट के आधार पर निरीक्षण
एमसीआई की टीम ने पूर्व में किए निरीक्षण के दौरान अपनी रिपोर्ट में बीएमसी में १५ खामियां पाई थीं। इन्हीं खामियों को दूर करने के लिए बीएमसी प्रबंधन को पत्र लिखा था। करीब तीन महीने के बाद बीएमसी की रिपोर्ट के आधार पर टीम ने यह निरीक्षण किया। सुबह ९ से शाम ४ बजे तक टीम ने पूरे बीएमसी का निरीक्षण किया और रिपोर्ट तैयार की। जानकारी के अनुसार टीम यह रिपोर्ट एमसीआई को सौंपेगी। इसके बाद एमसीआई इसे भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगी। बाद में भारत सरकार बीएमसी प्रबंधन और प्रदेश सरकार को जवाब के लिए तलब करेगी। जवाब संतोषजनक मिला तो पीजी की मान्यता मिल पाएगी।
प्रोफेसर की कमी बन सकती है रोड़ा
बीएमसी में क्लास-१ के तीस फीसदी पद खाली पड़े हैं। प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद शामिल हैं। सुबह ११ बजे एक सदस्य ने हेडकाउंटिंग की। जहां सभी को उपस्थिति देने के लिए डीन कार्यालय बुलाया था। क्लास-१ ऑफिसर के अलावा जेआर, एसआर व नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति विभागवार ली गई। हालांकि इस दौरान प्रोफेसर सहित अन्य की कमी साफ तौर पर हेडकाउंटिंग में देखी गई। इस दौरान तीन डॉक्टर नहीं उपस्थित हुए, जहां डीन डॉ. जीएस पटेल ने कोर्ट के कार्य से भोपाल जाना बताया, जिसे टीम के सदस्य ने मान लिया।

इस बार भी इन्हीं जगहों का किया निरीक्षण
पैथोलॉजी- टीम के सदस्य ने यहां हो रही जांचों की जानकारी ली। मौजूद स्टाफ की संख्या व उनकी उपस्थिति जानी। लैब में न होने वाली जांचों को भी नोट किया।
रेडियोलॉजी- इस विभाग में टीम ने प्रतिदिन होने वाले एक्सरे, सोनोग्राफी की जानकारी ली। रजिस्टर भी चैक किया। रेडियोलॉजिस्ट मात्र एक पाया। पूर्व में भी यहां यही स्थिति टीम ने पाई थी।
कैज्युअल्टी- यहां टीम ने पहुंचकर प्रतिदिन भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या, उपचार की व्यवस्था और दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर ड्यूटी रजिस्टर भी चैक किए।
गायनी – टीम को इस विभाग में प्रसूताओं की पर्याप्त भीड़ दिखी। नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर्स भी मौके पर उपस्थित मिले।
कॉलेज – टीम ने कॉलेज का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने फार्मों की जांच की। इसमें नई नियुक्तियों से संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया।
बीएमसी की तैयारियों पर एक नजर
प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की ३० फीसदी कमी को पूरा करने के लिए प्रबंधन ने शासन को भेजी है प्रमोशन लिस्ट।
हालही में सेवानिवृत्त प्रोफेसर्स को वापस लाने के लिए संविदा पर नियुक्त करने भी बनाया है प्रपोजल, चार रिटायर्ड प्रोफेसर हो चुके हैं तैयार।
एसआर व जेआर की ९० फीसदी भरपाई का दावा।
यह पूछे सवाल
टीम- आपके यहां भर्ती बच्चों की संख्या कम क्यों है…?
डॉक्टर- हेल्दी सीजन के कारण बच्चे कम भर्ती हुए हैं। हमेशा एेसी स्थिति नहीं रहती।
टीम- अच्छ हेल्दी सीजन में बच्चे बीमार नहीं पड़ते हैं क्या…।
डॉक्टर- सर एेसी बात नहीं है..।
टीम- देखिए…हम सब समझते हैं। ठीक से काम कीजिए।
डॉक्टर- सर…
ये थे टीम में शामिल
असम से डॉ. बीसी दत्ता, महाराष्ट्र से डॉ. जीवी ठाकुर, आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से डॉ. शंकर कुर्ली

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