चार साल में तीन बार बनी सड़क
नरयावली विधानसभा क्षेत्र में आने वाली इस सड़क का मामला विधानसभा तक पहुंच चुका है। विधायक प्रदीप लारिया ने बताया कि 2012 के आसपास लगभग 6 करोड़ रुपए की राशि इस 9 किलो मीटर की सड़क को बनाने के लिए स्वीकृत हुई थी, लेकिन 2016 तक करीब तीन बार सड़क का निर्माण हुआ, लेकिन हर बार ही गुणवत्ता सवालों के घेरे में रही। लारिया ने बताया कि पहली बार बना मार्ग चार-पांच माह में तो दूसरी बार हुआ निर्माण भी एक साल के अंदर ही उखड़ गया था। इसके बाद इस मामले को विधानसभा के समक्ष रखा था।
भैंसा वायपास बनते ही धसा
पीडब्ल्यूडी के सुपरविजन में तैयार हुए अकेले इस मार्ग को लेकर गुणवत्ता पर सवालिया निशान नहीं लग रहे हैं। इसी मार्ग से लगे भैंसा वायपास की स्थिति तो और भी ज्यादा खराब है। वायपास का काम तो फिलहाल अधूरा है, लेकिन ठेकेदार ने बारिश के ठीक पहले जो मई में सड़क के जिस हिस्से में डामरीकरण किया था वह दो माह भी सर्विस नहीं दे सका और धस गया।
ठेकेदार से ही मेंटेनेंस कराया जाएगा
यह बात सही है कि भैंसा मार्ग जगह-जगह उखड़ गया है, लेकिन बारिश निकलने के बाद निर्माण करने वाले ठेकेदार से ही सड़क का मेंटेनेंस कराया जाएगा, उसके बाद ही अमानत राशि रिलीज की होगी। भैंसा वायपास का जो हिस्सा बना था उसे निरस्त कर दिया गया है, उसका काम भी दोबारा करााय जाएगा।
एचएस जायसवाल, ईई पीडब्ल्युडी