चना, मसूर व उड़द का भी होगा उठाव
वेयर हाउसिंग के अनुसार साईंखेड़ा स्थित गोदामों में गेहूं का भंडारण तो है ही, इसके अलावा बीते साल भावांतर योजना के तहत खरीदे चना, मसूर व उड़द-मूंग की उपज भी गोदामों में बड़ी मात्रा में भंडारित हैं। गेहूं का उठाव सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पोषण आहार केंद्र सहित अन्य योजना को लेकर लगातार किया जा रहा है। इसके बाद यह भी कहा जा रहा है कि अब यहां पर भंडारित चना, मसूर व उड़द का उठाव भी शुरू होगा। हालांकि इसको कहां भेजा जाना है या क्या उपयोग किया जाएगा यह सोमवार तक ही स्पष्ट हो सकेगा।
84 हजार टन की जगह अब तक कराई खाली
वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अनुसार साईंखेड़ा में 66 हजार मीट्रिक टन क्षमता की गोदामें हैं, जबकि वहीं पास में बीते साल 60 हजार मीट्रिक टन का ओपन कैप भी तैयार किया गया था। इसमें से वर्तमान की स्थिति में गोदामों में 36 हजार टन उपज का भंडारण है, ओपन कैप में 6 हजार टन धान का भंडारण है। इसके अलावा बीते साल बनाए गए ओपन कैप में से 20 हजार टन क्षमता के कैप का कवर्ड होना बाकी है। इस हिसाब से देखें तो साईंखेड़ा में आज की स्थिति में 84 हजार मीट्रिक टन उपज रखने लायक जगह खाली हो चुकी है।