व्यापारी का नहीं किसानों का था गेहूं
मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने तत्काल मौके पर खाद्य अधिकारी निशांत पाण्डे को चांदपुर भेजा। जहां उन्होंने खरीदे गेहूं को अमानक बताया। अधिकारियों की उपस्थिति में खरीदी केन्द्र पर करीब 6 घंटे तक जांच चलती रही। जिसके बाद स्पष्ट हुआ कि गेहूं व्यापारी का नहीं बल्कि चांदपुर के किसान श्रयांस जैन, सुनील कुमार, देवेन्द्र कुमार एवं सुहागरानी जैन का है, जिसे निजी ट्रक से केन्द्र पर लाया गया था। मौके पर जांच दस्तावेज तैयार किए एवं चाय-नाश्ता कर वापस लौट गए। जबकि एक किसान ने नाम छापने की शर्त पर बताया कि विगत वर्ष भी इसी प्रकार का एक मामला सामने आया था, जो बाद में रफादफा हो गया था। चांदपुर खरीदी केन्द्र पर घटिया गेहूं खरीदा जा रहा है, अधिकारी हमेशा की तरह आते हैं और नजराना लेकर लौट जाते हैं।
कार्रवाई होगी
प्रतिवेदन बनाया गया है एवं अमानक गेहूं का सैंपल लिया है। जिसकी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। गेहूं किसान का होने के दस्तावेज प्रस्तुत किए है, जिसकी जांच की जाएगी।
निशांत पांडे, खाद्य अधिकारी रहली
कैलाश पटैल, नायब तहसीलदार