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video: सरपंच ने गांव में बनाए पांच पॉइंट, स्वयं के ट्यूबवेल से डाली पाइप लाइन, ग्रामीणों की बुझा रहे प्यास

locationसागरPublished: May 31, 2019 08:23:26 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

गांव के हैंडपंपों ने तोड़ा दम, नहीं है नलजल योजना

sarpanch thirst for the villagers

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बीना. ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी आते ही जलसंकट गहराने लगता है और पंचायतों द्वारा भी पानी के लिए कोईठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं, लेकिन बेलई ग्राम पंचायत के सरपंच ने पानी के लिए परेशान हो रहे ग्रामीणों को राहत दी है। उन्होंने स्वयं अपने खर्चे पर ट्यूबवेल से लाइन डालकर गांव में पानी सप्लाईशुरू कर दी है।
ग्राम बेलई के अधिकांश हैंडपंप बंद हैं और इसके अलावा पानी के दूसरे कोई स्रोत नहीं है, जिससे ग्रामीण परेशान हो रहे थे। ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए सरपंच रामबाबू ठाकुर ने करीब एक किलोमीटर दूर स्थित स्वयं के तीन ट्यूबवेलों से पाइप लाइन डालकर ग्रामीणों को पानी उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए गांव में पांच पॉइंट बनाए गए हैं। जिसमें एक पॉइंट 14 नंबर वार्ड में, दूसरा चक्की के पास, तीसरा पीपर मोहल्ला, चौथा मंदिर के पास और पांचवां पॉइंट पंचायत के पास लगाया है। उन्होंने बताया कि गर्मीके मौसम में हर बार पानी का संकट गांव में हो जाता है और लोगों को राहत दिलाने के लिए गर्मी के मौसम में लाइन डालकर पानी सप्लाईकिया जाता है। अलग-अलग समय पर पानी सप्लाईके लिए पॉइंट खोले जाते हैं। पानी की सप्लाईसुबह 4 बजे से सुबह 11 बजे तक और शाम चार बजे से रात तक होती है। करीब 2500 आबादी को पानी की पूर्ति कराईजा रही है। ग्रामीणों को नि:शुल्क पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जब कभी लंबे समय के लिए बिजली चली जाती हैतो खेत पर जनरेटर की व्यवस्था भी की गई है, जिससे मोटर चालू रखी जा सके और ग्रामीणों को परेशान न होना पड़े। गौरतलब है कि अन्य पंचायतों में भी पानी की समस्या बनी हुई है, लेकिन यदि सरपंच चाहे तो ग्रामीणों को पानी उपलब्ध करा सकते हैं। बेलई पंचायत से दूसरी पंचायत के सरपंचों को भी प्रयास करने चाहिए।
सरपंच के कार्य से ग्रामीण खुश
ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरपंच द्वारा पानी की व्यवस्था न कराईजाती तो ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान होना पड़ता, लेकिन भीषण गर्मी में भी ग्रामीणों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा है। पंचायत के यहां एक गड्ढा भी बनाया गया है, जिससे मवेशियों को भी पानी मिलता रहता है।

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