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जहां स्वार्थ है वहां नहीं रहता है सुख, चैन

locationसागरPublished: Jun 05, 2019 08:56:29 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

सत्संग का किया गया आयोजन

Satsang organized

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बीना. संत निरंकारी शाखा द्वारा बुधवार को विशेष सत्संग का आयोजन गांधी वार्ड में सुबह 10 बजे से किया गया। महात्मा भूपेन्द्र भाई ने प्रवचन देते हुए कहा कि लोगों से एक बात सुनाईमें आती है कि तापमान बहुत ज्यादा है इस गर्मीके तापमान को कम करने का साधन एसी, कूलर व पंखा है।
यह बाहरी गर्मी है पर अंदर की गर्मी जैसे क्रोध, अभिमान, छल, कपट इसे कैसे दूर किया जा सकता है। परमात्मा ने इसके भी दूर करने के साधन दिए हैं जैसे सदगुरू का सान्निध्य, सत्संग, सेवा, सुमिरण इनसे अंदर की गर्मीको दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुम्हार जब मटका बनाता है तो इससे पहले मिट्टी अपने आपको कुम्हार के लिए समर्पित हो जाती है और तभी मटका बनकर लोगों को ठंडा पानी देने योग्य बनता है। इसी प्रकार गुरसिख भी जब सदगुरू को समर्पित कर देता है तभी वह मानवता वाला पाठ पढ़कर लोगों के हृदय को ठंडक पहुंचाता है। संत ही है जो इस संसार में आकर मानव को मानव से प्रेम करना सिखाते हैं। जहां स्वार्थ है वहां सुख, चैन नहीं रहता, लेकिन जो मानव संतों के वचनों को सुनकर सदगुरू के बताए मार्ग पर चलता हैवह हर बुराईयों से बच जाता है और उसके जीवन में सुधार होने लगता है। इस अवसर पर हरदेव वाणी, कविता, गीत, भजन व मंगला चरण भी प्रस्तुत किया गया। सत्संग में अर्जुन सिंह नाहर, रमेश निरंकारी, नंदलाल सुंदरानी, श्रवण नाहर, बसंत निरंकारी, यूके नाहर, वीडी निरंकारी, केपी चौहान, घनश्याम पटेल, कृष्णा सोनी आदि शामिल हुए।

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