सागरPublished: Mar 20, 2019 09:18:05 pm
sachendra tiwari
आठ वर्षों से कर रहे प्रयास
Save the lost sparrow, free water vessels distributed
बीना. कुछ वर्षों में आंगन में चहचहाने वाली गौरैया दिनों-दिन खोती जा रही है। यह स्थिति स्थान की कमी और प्रदूषण के कारण (चिडिय़ा) गौरैया की संख्या लगातार कम होती जा रही है। लोगों को गौरैया के संरक्षण के प्रति जागरुक करने के लिए एनीमल हेल्पलाइन बीना के संचालक पंकज प्रकाश लखेरा द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
वह वर्ष 2010 से विश्व गौरैया दिवस पर नि:शुल्क जलपात्र वितरित करते आ रहे हैं, जिससे गर्मी के मौसम में गौरैया प्यास से दम न तोड़े और उसका संरक्षण हो सके। बुधवार को भी उन्होंने 600 जलपात्र वितरित किए और साथ में गौरैया से जुड़ी जानकारी, उन्हें बचाने के लिए जागरुक करने पंपलेट भी बांटे। जिसे नगरवासी, दुकानदार, महिलाएं, बच्चे अपने-अपने घरों पर लटकाएंगे। सभी ने प्रण किया कि हम लगातार इसमें पानी डालते रहेंगे। यदि गर्मी में पक्षियों को पानी मिलता रहा तो उसे मरने से बचाया जा सकता है। पंकज ने बताया कि भीषण गर्मियों के इस मौसम में हर जगह पानी की कमी हो जाती है। ऐसे समय में प्राकृतिक स्रोतों में पानी कम हो जाता है, जिसके कारण पशु-पक्षियों को प्यास से व्याकुल होकर भटकना पड़ता है। साथ ही वर्तमान में तेजी से बढ़ते प्रदूषण, मोबाइल टॉवर के रेडिएशन, भोजन के अभाव में भी पक्षाी दम तोड़ रहे हैं। उहोंने बताया कि संस्था के माध्यम से पशु-पक्षियों को भोजन, पानी, उपचार और देखभाल करने की व्यवस्थाओं का प्रयास किया जा रहा है। पानी के लिए यह पात्र वितरित किए जाते हैं। इसमें गायत्री गुणे, दिनेश राय, सुभाष गुणे, अनिमेष जैन, दिलीप जैन, राहुल जैन, आशीष जैन, दीपक वर्मा द्वारा सहयोग किया जाता है।