मिशन-1000 योजना अंतर्गत प्रदेश के एक हजार शासकीय स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर सर्वसुविधायुक्त बनाया जाना है। इसमें उन्हीं स्कूलों को शामिल किया गया है, जिनके पूर्व वर्षों में वार्षिक परीक्षा परिणाम अच्छे रहे है। चिन्हित स्कूलों में अच्छे प्राचार्य, संपूर्ण विषय शिक्षक, लाइब्रेरियन, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर व्यवस्था, फर्नीचर आदि की सुविधाएं प्रदान की जाएगी।
यहां शुरू हुआ लैब का काम
एमएलबी स्कूल (क्रं१) में प्रयोगशाला को नए तरीके से बनाने की शुरूआत हो गई है। यहां पर भौतिक, रसायन के लिए अलग-अलग कक्ष थे, लेकिन वर्षों से ये उपकरण धूल खा रहे थे। प्रयोगशाला में रखी सामग्री पर धूल जम चुकी थी लेकिन अब मिशन १००० के तहत चयन के होने बाद प्रयोगशाला का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। यहां साफ-सफाई के साथ नए फर्नीचर की व्यवस्था की जा रही है। प्रयोगशाला में प्रयोग के लिए नए उपकरण भी आएंगे। जो उपकरण पूराने इस्तेमाल किए जा सकते हैं उनका उपयोग किया जाएगा। स्कूल में वरिष्ठ शिक्षक अरविंद जैन ने बताया कि प्रयोगशाला का काम शुरू हो गया है, जल्द ही विद्यार्थियों को सुविधा मिलेगी।
इन स्कूलों का हुआ है चयन
बंडा – शासकीय स्कूल बंडा
बीना – शासकीय उमावि मंडी बामोरा
देवरी – शासकीय उमावि महाराजपुर
-शासकीय उमावि गौरझामर
– शासकीय उमावि विद्यालय देवरी
जैसीनगर – शासकीय उमावि मसुरहाई
– शासकीय उमावि बिलेहरा
केसली – शासकीय उमावि नाहरमउ
– शासकीय उमावि केसली
– शासकीय उमावि टड़ा
खुरई – ललिता शास्त्री स्कूल खुरई
– शासकीय उमावि विद्यालय खिमलासा
मालथौन – शासकीय उमावि बरोदिया कलां
राहतगढ़ – शासकीय उमावि सिहोरा
– शासकीय उमावि जरूआखेडा़
रहली – शासकीय उमावि बलेह
शासकीय उमावि चांदपुर
शासकीय बालाक शाला गढ़ाकोटा
शासकीय कन्याशाला गढ़ाकोटा
सागर – शासकीय उमावि बम्होरी बीका
शासकीय उमावि भैंसा नाका
एमएलबी स्कूल क्रं२
एमएलबी स्कूल क्रं१
शासकीय उमावि कर्रापुर
शासकीय उमावि रविशंकर
शाहगढ़ – शासकीय उमावि शाहगढ़
ये सुविधाएं मिलेंगी
– स्कूल भवनों की स्थिति बेहतर कर स्वच्छ परिसर बनाया जाएगा।
– छात्रों के बैठने की उचित व्यवस्था हो।
– पुस्तकालय का विधिवत संचालन किया जाएगा।
– खेल मैदान के साथ पर्याप्त खेल सामग्री अनिवार्य।
– शौचालय साफ-सुथरें होंगे।
– स्कूल परिसर में पार्क बनाया जाएगा।
– प्रयोगशाला में पर्याप्त उपकरणों की उपलब्धता एवं बेहतर संचालन हो।
– सुरक्षा की दृष्टि से बाउंड्रीवाल का होना जरूरी।