Breaking News टाइगर प्रोजेक्ट में महती भूमिका निभाने वाले वन अफसर की सड़क हादसे में मौत
ड्राइवर को आया नींद का झोंका, पेड़ से टकराया वाहन, रहली के पास की घटना

पंकज शर्मा . रहली (सागर) सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य में पदस्थ एसडीओ (वन) प्रताप सिंह की गुरुवार तड़के सड़क हादसे में मौत हो गई। सिंह वर्ष 2010 बैच के राज्य वन सेवा के अधिकारी बताए जाते हैं। उनकी आयु करीब 35 वर्ष बताई गई है।
जानकारी के अनुसार अभयारण्य में टाइगर प्रोजेक्ट के लिए राधा-किशन नामक बाघ, बाघिन को लाने में महती भूमिका निभाने वाले एसडीओ प्रताप सिंह विभागीय कार्य से भोपाल गए थे। रात में वे सागर से होते हुए रहली जा रहे थे। जब उनका चार पहिया वाहन रहली से करीब 11 किलोमीटर पहले पांच मील पर पहुंचा तभी वाहन चालक को नींद का झोंका आया। बताया जाता है कि तेज रफ्तार वाहन बेकाबू होकर पेड़ से टकरा गया। इसी के साथ SDO गाड़ी से बाहर फिंक गए और सिर एक पत्थर से टकराने पर उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया।
इस हादसे में ड्राइवर को भी सिर में चोट आई है। उसे सागर रेफर किया गया है। जहां हालत स्थिर बताई जा रही है। सूचना मिलने के तुरंत बाद सतना से एसडीओ के परिजन भी पहुंच गए हैं।

यह रही गाड़ी की स्थिति
क्षतिग्रस्त हुए वाहन की हालत देख अंदाजा लगाया जा रहा है कि गाड़ी पेड़ से सामने से न टकराकर ड्राइवर के बाजू वाली साइड से टकराई। क्योंकि वाहन के बोनट वाले भाग को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। एसडीओ संभवत: ड्राइवर के बगल में या पीछे वाली सीट पर होंगे। वाहन के यही दोनों भाग ज्यादा क्षतिग्रस्त हुए हैं।
मिलनसार था स्वभाव
वन कर्मियों व अन्य लोगों के अनुसार सतना निवासी प्रताप सिंह का स्वभाव मिलनसार था। इसी के कारण वे विभाग में सभी के चहेते अफसर बन गए थे। नौरादेही में टाइगर प्रोजेक्ट इन्हीं की मेहनत के कारण संभव हो सका।
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