इस मामले में बिजली कंपनी लापरवाही सामने आई है। जानकारों की माने तो गहन चिकित्सा इकाई केंद्र में वार्मर मापदंडों के अनुसार ही लगाए जाते हैं। यह काम बिजली कंपनी को करना होता है। बिजली फिटिंग के अलावा वार्मर के नजदीक बिजली के की व्यवस्था आदि का काम बिजली कंपनी को ही करना है। प्रबंधन की माने तो इस कार्य के लिए एक महीने पहले आवेदन किए गए हैं, लेकिन कंपनी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। इस वजह से पीएनसीयू के मरम्मत का काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
-जिला अस्पताल का भार होगा कम
इस केंद्र के शुरू होने के बाद जिला अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई केंद्र पर इस तरह के गंभीर शिशुओं का भार भी कम होगा। बता दें कि वर्तमान में गंभीर शिशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें अति कुपोषित, अनेमिया और स्वांस की परेशानी से संबंधित शिशु होते हैं। कई बार एक वार्मर में दो-दो शिशुओं को भर्ती करना पड़ता है। बीएमसी में १० वार्मर के शुरू होने से निश्चित रूप से बीएमसी में जन्मे गंभीर शिशुओं को समय पर उपचार मिल सकेगा। वहीं, माताओं को भी शिशुओं को दूध पिलाने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
-स्टाफ की जल्द होगी भर्ती
इस केंद्र में २४ घंटे डॉक्टर व नर्सों की व्यवस्था रहेगी। केंद्र बनने के बाद प्रबंधन दो डॉक्टरों और ६ नर्सिंग स्टाफ की तैनाती के लिए साक्षात्कार बुलाएगा। स्टाफ का वेतन एनएमएच जारी करेगा। डीन डॉ. जीएस पटेल ने बताया कि मैनटेनेंस का काम पूरा होने के बाद विज्ञापन जारी करके इनकी भर्ती कराएगा। यह स्टाफ सिर्फ इस केंद्र के लिए होगा।
गहन चिकित्सा इकाइ केंद्र के लिए १० वार्मर खरीदे जा चुके हैं। मैनटेनेंस का काम भी जल्द शुरू होगा। बिजली कंपनी द्वारा इसमें लेटलतीफी की जा रही है। हालांकि उन्होंने दो दिन में यह काम पूरा करने की बात कही है।
डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी