न करें प्लास्टिक का उपयोग
यह अच्छी पहल है कि इस बार शिवालयों को प्लास्टिक मुक्त रखा जाए। शहर का सबसे प्राचीन मंदिर भूतेश्वर है। यहां आने वाले जितने भी शिव भक्त जाते हैं उनसे अपील है कि प्लास्टिक का उपयोग न करें। मंदिर से संकल्प ले रहे श्रद्धालुओं से यह शहर स्वच्छ बनेगा।
हर्ष पंडित, मंदिर पुजारी
पर्यावरण संरक्षण की पहल अच्छी
प्लास्टिक का पूरे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। महाशिवरात्रि से प्लास्टिक मुक्ति की पहल और इसके बाद हर मंदिर में आजीवन प्लास्टिक उपयोग पर पाबंदी लगे। लोग भी समझदार बनें और पर्यावरण के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझें।
भानू रावत, श्रद्धालु
हम प्राचीन मार्कडेंश्वर मंदिर के बाजू से व्यवसाय कर रहे हैं। इसलिए हमार कर्तव्य बनता है कि हम प्लास्टिक का उपयोग न करें। इसे लेकर मंदिर आने वाले भक्तों को भी हम जागरूक करेंगे।
राजीव केशरवानी, व्यापारी
पत्रिका के द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का हम समर्थन करते हैं, इसके माध्यम से हम अपने परिवार सहित अन्य श्रद्धालु को जागरूक करेंगे।
भरत पटेल, व्यापारी
विद्यार्थी स्वच्छता का संकल्प
महाअभियान स्वर्णिम भारत का दायरा बढ़ते जा रहा है। शहर के बाद अब ग्रामीण स्कूलों में भी विद्यार्थी भी इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं। महाअभियान के तहत सैकड़ों विद्यार्थियों ने जागरूकता की शपथ ली गई। गौरतलब है कि पत्रिका के इस अभियान से जुड़कर अबतक हजारों लोगों ने अगले एक साल में अपने गांव, शहर को 70 घंटे देकर इसकी सुंदरता और स्वच्छता को लेकर खुद जागरूक रहने और दूसरे लोगों को भी जागरूक करने का संकल्प ले चुके हैं। बुधवार को शासकिय माध्यमिक विद्यालय हिन्नौद के विद्यार्थियों ने भी संकल्प लिया। साथ शिवरात्रि पर मंदिरों में प्लास्टिक न ले जाने की बात की। उन्हें यह संकल्प प्राचार्य अर्चना ओझा ने दिलाया