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शिवरात्रि : केशरिया ध्वज से सजेगा शहर, आज सजेगा मंडप, होगी हल्दी की रस्म

locationसागरPublished: Mar 09, 2021 09:05:43 pm

Submitted by:

Atul sharma

इस बार शिवयोग व धनिष्ठा नक्षत्र में मनेगी महाशिवरात्रि

सागर.महाशिवरात्रि पर्व के चलते शहर के सभी शिवालयों में शिव बारात की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शिवालयों में भगवान शिवजी और माता पार्वती को हल्दी लगाने की रस्म अदायगी से लेकर बारात और सुहागलों तक की तैयारियां पूरी हो गई हैं। गुरुवार को धूमधाम से शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, इसको लेकर शहर केशरिया ध्वजों से सज गया है। आज बुधवार को मंदिरों में विवाह के लिए मंडप सजेगा और हल्दी की रस्म भी होगी। इस बार शिव योग व धनिष्ठा नक्षत्र में महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा और इस दौरान शिवजी की पूजा करने से भगवान महादेव की कृपा औघड़दानी के रूप में बरसेगी।
शहर सबसे प्राचीन मंदिर भूतेश्वर में पर्व को मनाने की तैयारी पूरी हो गई हैं। यहां बुधवार रात ४ बजे से ही भगवान का अभिषेक होगा। बड़ी संख्या में भक्त दर्शनों के लिए पहुंचेंगे। भूतेश्वर मंदिर का इतिहास लगभग ८०० साल पुराना है। इसे लगभग 1२वीं शताब्दी में खोजा गया था। पं. मनोज तिवारी कहा जाता है कि बड़ा बाजार क्षेत्र में रहने वाले एक शिवभक्त परिवार मुखिया को रात में भगवान शिव ने सपने में दर्शन देकर एक तय स्थान पर खुदाई करने का निर्देश दिया। सुबह होने पर उस परिवार ने उस जगह खुदाई की, जहां उन्हें भगवान शिव की एक पिंडी मिली। उस स्थान पर एक मंदिर बनवाया गया जो भूतेश्वर मंदिर के नाम से विख्यात हुआ। यहां पर पाली भाषा में एक शिलालेख भी मिला था, जो अब पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। भूतेश्वर मंदिर में भी शिवरात्री की तैयारियां चल रही हैं। यहां भगवान का अभिषेक होगा और भगवान शिव की बाजार भी रूकेगी।
गौरीशंकर मंदिर में सजेगा मंडप
भीतर बाजार स्थित गौरीशंकर मंदिर में भगवान शिव की बारात की तैयारियां है। पं. श्रवण मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को ही तैयारी की गई। बुधवार को रात्रि ४ बजे से भगवान का अभिषेक शुरू हो जाएगा और विशेष श्रंगार होगा। पं. मिश्रा ने बताया कि यह मंदिर १७० वर्षों से अधिक पुराना है। जिसे अग्रवाल राय बिहारी लाल बैरस्टर ने बनवाया था। मंदिर में मूछों वाले शंकर जी के दर्शन होते हैं।
मारकण्डेश्वर मंदिर से निकलेगी बारात
पुरानी गल्लामंडी स्थित श्री देव मारकण्डेश्वर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष शैलेष केशरवानी ने बताया कि शिवरात्रि पर गाजे-बाजे के साथ शिवजी की बारात निकलेगी। बारात से पहले बुधवार को भगवान शिवजी को हल्दी-तेल चढ़ाकर, अभिषेक होगा, जिसके बाद बारातियों के लिए मंदिर में पंगत होगी। सभी दस्तूर होने के बाद भोलेनाथ की बरात गुरुवार को मंदिर प्रांगण से शुरू होगी जो कि नगर के विभिन्न मार्गो से होती हुई बड़ा बाजार नागेश्वर मंदिर पंहुचेगी। यहां शिव-पार्वती विवाह का विवाह होगा। रातभर विवाह की रस्में होने के बाद बारात पुन: श्री देव मारकण्डेश्वर मंदिर आएगी और पूजन-सत्कार होगा। पौराणिक कथाओं के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे।
भगवान शिवजी की पूजा से कन्या विवाह के विघ्न होते हैं दूर
इस वर्ष महाशिवरात्रि 11 मार्च को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन शिव योग और धनिष्ठा नक्षत्र बहुत लाभकारी बना रहा हैं। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस दिन चंद्र ग्रह मकर राशि में विराजमान होगा। पं. रामगोविंद शास्त्री के अनुसार शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना बहुत धूम-धाम से की जाती है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से सारे कष्ट दूर होते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत रखने से कन्याओं को योग्य वर की प्रप्ति होती है। शिवयोग का संयोग शिवरात्रि के दिन बनना बहुत ही खास है इसमें महादेव की कृपा बरसेगी।
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