स्मार्ट क्लास को लगा पलीता, बच्चों के कम्प्यूटर पर बाबू कर रहे खटर-पटर
सागरPublished: Mar 24, 2018 10:28:15 am
हर साल १२ हजार रुपए खर्च
Smart Class felt, Baba’s computer-based Khatar-Patar
सागर. सरकारी स्कूलों में निजी स्कूल की तर्ज पर स्मार्ट एजुकेशन के लिए भले ही स्मार्ट क्लास को शुरू किया गया है, लेकिन इसका लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है। खास बात यह है कि जो कम्यूटर विद्यार्थियों को इन क्लास में प्रशिक्षण के लिए दिए गए हैं, उनका इस्तेमाल जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय में किया जाता है। जब भी कार्यालय के कम्प्यूटर खराब होते हैं तो स्मार्ट क्लास के कम्प्यूटर ले लिए जाते हैं। वर्ष २०१३ में जिले के ३० स्कूल में स्मार्ट क्लास की यह योजना शुरू की गई थी। शहर में शासकीय मिडिल स्कूल मोराजी, ढाना, गंभीरिया, भैंसा नाका और शाहपुर में कक्षाएं शुरू की गई हैं।
हर साल १२ हजार रुपए खर्च
जिले के ९३८ मिडिल स्कूलों में से केवल ३० स्कूलों में स्मार्ट क्लास को शुरू किया गया है, लेकिन इसका लाभ भी विद्यार्थियों को नहीं मिला है। शहर के केवल १५६ छात्र ही स्मार्ट क्लास का लाभ ले पाए हैं। स्मार्ट क्लास में कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर, लेपटॉप और टीवी की व्यवस्था की गई थी। जिनके माध्यम से छात्रों को ऑडिशन विजुअल पढ़ाई करानी है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास हैं वहां पुराने मॉडल के कम्यूटर ही बचे हैं। शिक्षा विभाग हर साल १२ हजार रुपए की राशि खर्च कर रहा है, लेकिन इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल रहा है।
शिक्षा विभाग में हो रहा है कम्प्यूटर का इस्तेमाल
स्मार्ट क्लास में जो कम्प्यूटर रखे गए हैं, उनका इस्तेमाल जिला शिक्षा केंद्र में हो रहा है। शाहपुर कन्या स्कूल में स्मार्ट क्लास के नाम पर ७ कम्प्यूटर हैं और ४ कम्प्यूटर खराब हो चुके हैं। इनमें एक कम्प्यूटर का इस्तेमाल जिला शिक्षा केंद्र में किया जा रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि कन्या स्कूल में कम्प्यूटर है और बालक स्कूल में इसकी राशि पहुंच रही है। एचएम प्रभुदयाल अहिरवार ने बताया कि पैसों के लिए कई बार पत्र लिखे हैं लेकिन अभी तक काई जबाव नहीं मिला है। वहीं शासकीय मिडिल स्कूल मोराजी के कम्प्यूटर का भी जिला शिक्षा विभाग में इस्तेमाल होता है। जब भी कम्प्यूटर विभाग के खराब होते हैं उन्हें स्मार्ट क्लास मांगा लिया जाता है।
निरीक्षण करेंगे
शाहपुर से पत्र मिला है। जल्द ही निरीक्षण करके कन्या स्कूलों को पैसे दिए जाएंगे।
संतोष कुमार, बीआरसी
हर साल दे रहे रुपए
स्मार्ट क्लास के लिए हर वर्ष पैसे दिए जा रहे हैं। मैं स्वयं स्कूलों में जाकर जायजा लूंगा।
एचपी कुर्मी, डीपीसी