scriptये रोकेंगे सोशल मीडिया पर बढ़ रहे अपराध, खौफ खाएंगे अपराधी | Social media, crime, fear, criminal, club | Patrika News

ये रोकेंगे सोशल मीडिया पर बढ़ रहे अपराध, खौफ खाएंगे अपराधी

locationसागरPublished: Feb 22, 2018 04:19:11 pm

क्लब का किया गया उद्घाटन

Social media, crime, fear, criminal, club

Social media, crime, fear, criminal, club

सागर. 16 से 18 वर्ष की आयु में सर्वाधिक अपराध सोशल मीडिया के माध्यम से होते हैं, लेकिन ऐसे अपराधों को रोकने में विधिक साक्षरता क्लब कारगर साबित होता है। यह बात जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसके शर्मा ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायालय द्वारा शुरू किए गए विधिक साक्षरता क्लब के उद्घाटन अवसर पर कही। बुधवार को पं. रविशंकर शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में क्लब का उद्घाटन किया गया।
सचिव अमित कुमार ने कहा कि जब हमें अधिकारों का ज्ञान होगा, तभी आगे की लड़ाई लड़ी जा सकती है। अब जागरुकता के लिए इस प्रकार के क्लबों का गठन किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे न्यायाधीश अरविंद कुमार जैन ने कहा कि संचार क्रांति से जहां ज्यादा लाभ है, वहीं गंभीर अपराध भी हो रहे हैं। संचार क्रांति के माध्यम से जहां अज्ञानता या अपराधवश बैंक के खाता नंबर, आधार नंबर को हैक कर लिया जाता है, वहीं अनेक प्रकार की उपयोगी जानकारी भी मिलती है। जिला विधिक सहायता अधिकारी अतुल कुमार चंसोरिया ने कहा कि यदि किसी छात्र-छात्रा को कोई कानूनी संबंधी आवश्यकता हो तो वे कार्यालय के नंबर 263747 पर संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर सहायक संचालक विकासखण्ड सागर डॉ. महेन्द्र प्रताप तिवारी, एपीसी डीडी गोस्वामी और संस्था प्राचार्य राजेश खरे उपस्थित थे।
यहां गठित हुआ क्लब
पं. रविशंकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरारू, मॉडल विद्यालय बण्डा, केसी शर्मा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खुरई, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बीना नं. 1

सर, थाने में शिकायत की पर कुछ नहीं हुआ
कार्यक्रम के दौरान 10वीं की छात्रा प्राची जैन ने तत्काल ही एक समस्या जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष रखी, उसने बताया कि मेरे परिवार में विवाद होने के कारण मेरे ऊपर हमला किया गया था, जिसमें मुझे गंभीर चोट आई थी। मैंने इसकी शिकायत संबंधित थाने में की थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शर्मा ने कहा कि अपराध दो प्रकार के होते हैं, एक संज्ञीय और असंज्ञीय। आपका अपराध किस प्रकार का है, यह एफ.आईआर देखकर पता लगेगा और यदि संबंधित थाना कोई कार्रवाई नहीं करता है तो इसके लिए आप विधिक साक्षरता प्राधिकरण या स्वयं परिवाद प्रस्तुत कर सकतीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो