सागरPublished: Jul 28, 2019 08:56:14 pm
sachendra tiwari
विभाग ने नहीं लिए सैम्पल
Seized goods kept in the bathroom due to fear of mice, documents lying in the gallery, staff and department facing shortage of space
बीना. शहर में भी जगह-जगह मिलावट कर दूषित खाद्य सामग्री बेची जा रही है, लेकिन यहां खाद्य विभाग द्वारा सैम्पल लेने की कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि यहां सबसे ज्यादा मावा और दूध दूसरे शहरों से आ रहा है और बिना जांच के ही शहर में बिक रहा है।
शहर की दुकानों पर बनने वाली अधिकांश मिठाईयां बाहर से आने वाले मावा से बनाई जा रही हैं। यह मावा ग्वालियर, भिंड, मुरैना, यूपी से ट्रेनों के माध्यम से बीना आता है। इसकी कभी भी जांच नहीं होती है कि यह कितना शुद्ध है। यह मिठाईयां लोगों को बीमार बना सकती हैं। यही नहीं दूध भी बड़ी मात्रा में बाहर से आता है जो मिलावट वाला हो सकता है। खाद्य विभाग सिर्फ त्यौहारों के समय ही यहां सैम्पल लेने की कार्रवाई करता है वह भी कुछ चिंहित दुकानों पर। इसके अलावा सैम्पल नहीं लिए जाते हैं। जबकि पिछले वर्षों में लिए गए सैम्पलों में कुछ दुकानों के सैम्पल फेल भी हो चुके हैं।
अन्य खाद्य सामग्रियों में भी हो रही मिलावट
मिठाई और दूध से बनी सामग्री के अलावा बेकरी, जूस, मसालों, दुकानों पर मिलने वाले नाश्ता सहित अन्य सामग्री में मिलावट हो रही है। साथ ही गंदगी के बीच सामान बेचा जा रहा है। इसकी जांच तो कभी विभाग द्वारा की ही नहीं जाती है।
रक्षाबंधन पर फिर सजेंगी मिलावट की दुकानें
रक्षाबंधन के लिए कुछ समय रह गया है और इसके लिए अभी से मिलावट की दुकानें सजाने की तैयार होने लगी है। दुकानों पर बड़ी मात्रा में मावा का स्टॉक कुछ दिनों बाद होने लगेगा। इसी मावा की मिठाई बनाकर बाजार में बेची जाएगी। यहां तक कि हाथ ठेले पर भी मिठाईयों की दुकानें नजर आएंगी।
होगी कार्रवाई
अभी हमें राज्य स्तरीय दल में शामिल किया गया है और जिले में सिर्फ एक ही खाद्य निरीक्षक हैं, जिससे कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जल्द ही शहर में भी कार्रवाई की जाएगी।
राजेश राय, खाद्य निरीक्षक, सागर