दरअसल बीना जंक्शन पर जो रेलवे की व्यवस्थाएं हैं उनमें अधिकांश ब्रिटिश शासन काल के समय में दी गई थी। अब जैसे-जैसे ट्रेनों के संचालन का दबाव बढ़ रहा है, वैसे ही रेलवे भी जरूरत के अनुसार व्यवस्थाओं को अपग्रेड करने का काम कर रही है। चूंकि बीना जंक्शन दिल्ली-मुंबई मेन लाइन पर स्थित है और यहां से दिन में सैकड़ों ट्रेनें गुजरती हैं। इस इसलिए ट्रेनों के समय में बचत व सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे तीन नंबर प्लेटफॉर्म के लिए बीना-झांसी तीसरी लाइन को ओएचइ से जोड़ने का काम कर रही है, ताकि ट्रेन को स्पीड में निकाला जा सके। तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर दिल्ली से मुंबई व दक्षिण भारत की ओर जाने वाली 90 प्रतिशत ट्रेनें रुकती है। इसलिए इस ट्रैक पर विशेष रूप से काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों बीना स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित करने का काम किया जाना है। इसलिए इंजीनियरिंग विभाग, टीआरडी, एसएंडटी विभाग तेज गति से काम कर रहा है।
टीआरडी विभाग के अधिकारियों ने बीना-झांसी लाइन पर तीसरी लाइन से तीन नंबर प्लेटफॉर्म को जोड़ने के लिए कई स्तर पर सर्वे कर लिए है। जिसमें हर एक बिन्दु को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। रेलवे ने बीना से झांसी के बीच में नई तीसरी बिछाई है, जिसे तीन नंबर प्लेटफॉर्म से ओएचइ लाइन से जोडऩे का काम बाकी रह गया है।
निकालनी पड़ती है दस किमी घंटा की स्पीड से ट्रेन वर्तमान में दूसरी लाइन से तीन नंबर प्लेटफॉर्म पर ट्रेन को ले जाने के लिए लाइन बदलनी पड़ती है, जिसके कारण ट्रेन को दस से पंद्रह किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से निकालना पड़ता है। जैसे ही तीसरी लाइन को ओएचइ के माध्यम से जोड़ दिए जाएगा, तो ट्रेन 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से प्लेटफॉर्म निकाली जा सकेगी। इससे मुख्य लाइन पर ट्रेन खड़ी होने पर भी ट्रेन को धीमा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।