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कुरीतियों पर तीखा व्यंग्य हैं इन युवाओं की रचनाएं

locationसागरPublished: Mar 21, 2018 03:36:17 pm

इनकी रचनाओं में कोई बड़ी उपमाएं नहीं हैं और न ही कोरी कल्पनाएं हैं।

Special on World Poetry Day

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सागर. परंपरावादी कवियों से इतर शहर के युवा कवियों ने अपनी रचनाओं से ज्वलंत समस्याओं व मुद्दों पर प्रहार किया है। इनकी रचनाओं में कोई बड़ी उपमाएं नहीं हैं और न ही कोरी कल्पनाएं हैं। सीधे और सरल शब्दों में कुरीतियों पर भी तीखा व्यंग्य करती हैं। महिला सशक्तिकरण, सामाजिक बदलाव, बाल-विवाह, बाल श्रम सहित शहर की समस्याओं को लेकर इनका व्यापक दखल है।
२१ मार्च को विश्व कविता दिवस के मौके पर पत्रिका शहर के ऐसे ही युवा कवियों से रूबरू करा रहा है। वरिष्ठ कवि डॉ. मनीष झा कहते हैं कि शहर के युवा देशभर में कविता का पाठ कर रहे हैं। खास बात यह है कि इनके शब्दों की चयन शैली अच्छी है।
हिंदी के कठिन शब्दों का सरलीकरण किया गया है। इनकी कविताओं में एक बिंब दिखाई देता है। इससे भी बड़ी बात यह है कि इनकी कविताओं के विषय सामाजिक हैं, जो लोगों से सीधे जोड़ती हैं।

मजदूर की पीड़ा
अनुराग तिवारी उर्फ अनुराग हृदयनगरी की रचनाओं में मजदूर की पीड़ा और सिस्टम के प्रति रोष झलकता है। वे २०११ से काव्य पाठ कर रहे हैं। पहली कविता आठवीं में लिखी थी। वर्तमान में राष्ट्रीय कवि संगम मप्र के जिला अध्यक्ष हैं। शिक्षक पिता राजेश तिवारी आदर्श हैं।
सामाजिक सरोकार को तवज्जो
इंदौर से आईटी ब्रांच से बीई करने वाले युवा कवि शुभम उपध्याय १० वर्षों से लेखन कर रहे हैं। इन्हें दादाजी पं. दीनदयाल उपध्याय से लेखन की प्रेरणा मिली। शुभम ने बताया कि लेखन में सामाजिक सरोकार को ज्यादा महत्व देते हैं। अब तक रिश्ते , कारावास, यद् कद बजते शंखनाद, रावण, डर और चिंगारी जैसे विषय पर कविताएं लिखी हैं। कहानियों के विषय भी आवारा कुत्ते, डर और आतंकवाद हैं। संस्था श्यामलम द्वारा सर्वश्रेष्ठ युवा सम्मान से नवाजा गया है। महाकवि पद्माकर जयंती पर काव्य पाठ, नेशनल यूथ फेस्टिवल २०१४ असम में रचना पाठ किया है। वर्तमान में तथागत नाट्य संस्था के निर्देशक के तौर पर काम कर रहे हैं। ताजमहल का टेंडर, रावण, लाखा बंजारा, हर हिंदू हिंदुस्तान और कब तक आरक्षण नाटक का निर्देशन भी किया है।
फिल्म स्क्रिप्ट भी
इमरान ७ साल से कविताएं लिख रहे हैं। उन्होंने पिंजरा, एक ख्वाब तेरा हो, दरख्त, सफर, रिश्ता, गुरुर जैसे विषय पर लेखन किया है। फिल्म स्क्रिप्ट तपिश और फैमिली फस्र्ट का लेखन किया है। पिंजरा एक ऐसी कविता है, जिसमें देश का नागरिक अपने को पिंजरे में कैद समझ रहा है।

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