जिले में वर्तमान में 10 रुपए के 170, 20 रुपए के 1100, 50 रुपए के 3 हजार 166 और 100 रुपए के 16 हजार 395 स्टाम्प की आपूर्ति हुई थी। इनमें से वर्तमान की बात करें तो जिला कोषालय में 10 रुपए के 30, 20 रुपए के 100, 50 रुपए के 1100 और 100 रुपए के 12 हजार 515 स्टाम्प मौजूद हैं। 100 रुपए से कम स्टाम्प पर वेण्डरों को 1.65 प्रतिशत कमीशन कमीशन मिलता है। लेकिन इसकी कमी का बहाना बनाकर वेंडर इसे निर्धारित दर से काफी अधिक दर पर बेचते हैं। पत्रिका ने मंगलवार को जिला कोर्ट सहित आसपास के क्षेत्र में जाकर बिकने वाले छोटे स्टाम्प के लिाए जब वेण्डरों के पास पता किया तो वेण्डरों ने 1 रुपए के स्टाम्प का 120 रुपए मांगा।
जब उनसे अधिक राशि लेने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि कमी के चलते बाजार में महंगा रेट चल रहा है। ऑनलाइन स्टाम्प की बात करें तो शहर में प्रतिदिन कम से कम 35 लाख रुपए के स्टाम्प की खपत है। वहीं अधिकारी कह रहे हैं कि स्टाम्प की कोई कमी नहीं है।
इसलिए ज्यादा मांग
स्कूल-कॉलेजों में एडमीशन के लिए शपथ पत्र, डुप्लीकेट मार्कशीट, गैप सर्टीफिकेट, के लिए अभी बाजार में १० से लेकर १०० रुपए के स्टाम्प की ज्यादा मांग है। इसके अलावा किराया नामा, नगर निगम के जुड़े विभिन्न लाइसेंस, आरटीओ में वाहन ट्रांसफर, बीमा आदि में शपथ पत्र की जरूरत पड़ती है।
जिले में नहीं है स्टाम्प की कोई कमी
जिले में स्टाम्प की कोई किल्लत नहीं है। मांग के अनुसार स्टाम्प की आपूर्ति की जा रही है। वेण्डरों को निर्धारित दर पर ही स्टाम्प की बिक्री करनी है।
अभयराज शर्मा, जिला कोषालय अधिकारी