कमेटी बनाएं, जिम्मेदारी तय करें: आयोग
निगम प्रशासन की ओर से राज्य सूचना आयोग में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने जो जानकारी मांगी है वह मिल नहीं रही है। उसकी तलाश जारी है। आयोग ने निगम अधिकारियों के इस जबाव में सख्त रुख दिखाया और कहा कि कमेटी गठित कर एक माह के अंदर जानकारी तलाश करें। यदि जानकारी नहीं मिले तो फिर अधिकारी की जिम्मेदारी तय करें और पुलिस में संबंधित के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराएं। इस मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर 2019 को आयोजित होगी।
नामांतरण और नक्शा संबंधी जानकारी है गायब
जानकारी के मुताबिक शर्मा ने जमीन के नामांतरण और नक्शा संबंधी जानकारी मांगी थी। बताया जा रहा है कि निगम के अधिकारियों ने नियम विरुद्ध जमीन का नामांतरण कर दिया। इतना ही नहीं फिर उसका नक्शा भी स्वीकृत कर दिया। सूत्रों की माने तो यह घटनाक्रम उस वक्त हुआ जब नामांतरण अधिकारी के रूप में बृजेश तिवारी, नामांतरण प्रभारी सुशील शर्मा और बाबू नितिन अग्रवाल थे जबकि भवन भूमि में कार्यपालन यंत्री लखनलाल साहू थे।
प्रशासनिक व्यवस्थाएं चरमराई
निगम कार्यालय में प्रशासनिक व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गईं हैं। निगम के वरिष्ठ अधिकारी सिर्फ कुछ जागरुकता अभियानों तक ही सीमित हैं। पूर्व से चले आ रहे फर्जीवाड़ा व अनियमितताओं के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जलभराव, अतिक्रमण, आवास योजना की किस्तों जैसे मामले में जिम्मेदार अधिकारी शांत बैठे हैं जिसके कारण शहरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।