सागर

अाधुनिक और सभ्य समाज के पढ़े-लिखे तबके में भी महिलाओं को करना पड़ रहा पर्दा प्रथा का सामना

आबकारी में आइटीओ के रूप में तैनात पत्नी को प्रताडि़त कर रहा फिजियोथैरेपिस्ट पति।

सागरJul 15, 2018 / 04:00 pm

गुलशन पटेल

Status of women in society

सागर. आधुनिक और सभ्य होते समाज में अब भी पढ़े-लिखे परिवारों में बहू को पर्दा प्रथा का पालन करने मजबूर किया जा रहा है। यह शिकायत आबकारी विभाग में आइटीओ के पद पर कार्यरत एक महिला ने महिला थाने में की है। उसका विवाह आठ महीने पहले १० दिसम्बर २०१७ को शाहगढ़ निवासी युवक के साथ हुआ था। युवक मकरोनिया के एक अस्पताल में फिजियोथैरेपिस्ट है। महिला की शासकीय नौकरी होने के बावजूद उसे मोबाइल रखने से रोकते
हुए सलवार कुर्ती पहनने से भी रोका जा रहा है।
रामपुरा वार्ड निवासी नवविवाहिता ने थाने में आवेदन देकर बताया कि फिजियोथैरेपिस्ट पति उसे प्रताडि़त कर रहा है। ससुराल पक्ष के लोग भी विवाह के बाद से ही लगातार दहेज को लेकर ताने मार रहे हैं। पति उसकी वेतन पूरी उसे सौंपने व १८ लाख रुपए का लोन लेने का दबाव बना रहा है। गत एक जून को महिला थाने में परामर्श शुरू हुआ और तीसरे परामर्श में सागर में किराए का घर लेकर यहीं रहने की बात पर समझौता हुआ था लेकिन ५ जुलाई को पति और ससुराल पक्ष के लोग मुकर गए।
उनका कहना था दहेज की मांग पूरी होने के बाद ही वे समझौता मानेंगे और वापस लौट गए। विवाहिता ने शिकायत में ७ फरवरी को पति द्वारा उसके कार्यस्थल गोपालगंज अहमदनगर देशी मदिरा वेयर हाउस के पास बुलाकर मारपीट करने की बात कहते हुए भविष्य में भी साथ रहने पर जान के जोखिम का अंदेशा जताया है। महिला का कहना है कि पति ने आठ माह में जिस तरह उसके साथ मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त किया है, उसके चलते अब वह साथ रहने तैयार नहीं है।
उसके मायके पक्ष के लोग भी इसके कारण मानसिक यातना झेल रहे हैं। उसने महिला थाना टीआई से शादी के समय उपहारस्वरूप उसे परिजन व रिश्तेदारों द्वारा दिए गए सामान और जेवर-नकदी वापस दिलाने की मांग करते हुए पति व ससुराल पक्ष पर केस दर्ज करने की भी अपील की है। उधर शनिवार को महिला थाने पहुंचे महिला के पति का कहना था कि उसके ऊपर जिस तरह के आरोप लगाए गए हैं उनमें से एक भी सही नहीं है। वो पत्नी को साथ रखना चाहता है व कभी दहेज की कोई मांग नहीं की है।

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