बताया गया है कि किसान पहले ही स्लॉट बुक करा चुका था, लेकिन केंद्र संचालक को पैसे नहीं देने से उसकी तुलाई नहीं हो रही थी। इस पर किसान के बेटे ने स्टिंग करने का प्लान बनाया। उसने संचालक से इस बारे में बात की तो वह दुखड़ा सुनाने लगा कि उसको कहां-कहां पर पैसे देने पड़ते हैं। वीडियो में इन दोनों की बातचीत को साफ सुना जा सकता है।
केंद्र संचालक- खरीदी वैसे ही कम हो रही है। इनकम हो ही नहीं रही है। किसानों के सहयोग से ही 5-6 लाख रुपए एकत्र हो पाते हैं। मैं अपने घर से थोड़ी ही पैसा लगाऊंगा। हर ऑफिस में भृत्य से लेकर अधिकारियों तक को पैसे देने पड़ते हैं। कहीं पर भी गाडिय़ां रुक जातीं हैं, उसमें पैसे लगते हैं। सर्वेयर को पैसे देने पड़ते हैं।
किसान का पुत्र- पिताजी कह रहे हैं कि पैसे नहीं देंगे, करना है तुलाई तो करो नहीं तो रहने दो।
केंद्र संचालक - यदि पैसे नहीं देना है तो उसका रास्ता अलग है। इन कामों में अड़ीबाजी नहीं होती। अपने संबंध अलग हैं। एक काम करो तो कुछ पैसे पार्टी फंड में दे दो तो तुलाई करवा देता हूं। पार्टी फंड में 6 हजार रुपए दे दो तो अभी करवा देता हूं। बोल दूंगा कि पार्टी फंड में पैसा दिए हैं। मुझे पार्टी फंड में एक लाख रुपए जमा करने का लिखित में आया है। व्यवस्था करनी पड़ती है, ऐसे ही कहने बस से थोड़ा ही होता है।
किसान का बेटा- अभी आप कहीं जा रहे हो क्या? कल सुबह आकर मिलता हूं।
हमेशा विवादों में रहता है केंद्र
पूर्व में इस केंद्र को चना खरीदी केंद्र के रूप में भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन लगातार शिकायतें होने के बाद कलेक्टर द्वारा केंद्र को निरस्त कर दिया गया था। पूर्व के वर्षों में भी इस केंद्र की स्थिति यही रही। विभाग के विशेषज्ञों की माने तो खरीदी केंद्रों पर किसानों से लगातार अवैध वसूली की जा रही है जिनमें से कुछ मामले ही सामने आ पा रहे हैं।
जांच करा रहे हैं
वायरल वीडियो प्राप्त हुआ है, किसान ने शिकायत भी की है। संज्ञान लेकर जांच समिति गठित की गई है। जिसमें तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है। जांच प्रतिवेदन 24 घंटे में सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
- जितेंद्र पटेल, एसडीएम रहली