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कुलपति को सौंपी जांच रिपोर्ट, इस मामले में बड़े खुलासे का है इंतजार

विवि में छात्र की खुदकुशी का मामला, दल ने जांच की पूरी, जल्द रिपोर्ट का होगा खुलासा

सागरSep 25, 2018 / 06:00 pm

manish Dubesy

Student Suicide Case in Central University Sagar

सागर. डॉ. हरिसिंह गौर विवि के मैथ्स विभाग के छात्र देवर्ष बागरी द्वारा की गई खुदकुशी के मामले की जांच रिपोर्ट दल ने तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट को कुलपति प्रो. आरपी तिवारी के समक्ष प्रस्तुत भी कर दिया है, लेकिन रिपोर्ट में क्या है। इसको लेकर प्रबंधन अभी कुछ नहीं बता रहा है।
बताया जाता है कि कुलपति प्रो. तिवारी का कुछ दिन से स्वास्थ्य गड़बड़ है। 14 सितंबर को छात्र देवर्ष ने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर खुदकुशी की थी। रिसर्च स्कॉलर द्वारा मोबाइल छीनकर अभद्र व्यवहार किया था। उसके बाद छात्र ने हॉस्टल में खुदकुशी की थी। इस बिंदु को जांच में मुख्य रूप से लिया गया है। इसके अलावा एचआेडी द्वारा छात्रों की मांग पर पेपर भी स्थगित नहीं किया। यह बिंदु भी जांच में है। विवि प्रशासन का कहना था कि उस दिन सिर्फ एक ही पेपर था। वहीं, १४ की जगह ६ तारीख को पेपर होना था, जो बढ़ाया गया था। बहरहाल मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई। रजिस्ट्रार का कहना था कि जांच अभी प्रोसेस में है।

हॉस्टल में लगेंगे सीसीटीवी कै मरे, जूनियर जोन भी जल्द
इंजीनियर कॉलेज में रैगिंग का मामला
इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज के हॉस्टल में जल्द ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यह निर्णय रैगिंग का मामला सामने आने के बाद प्रबंधन ने लिया है। ५ सितम्बर को जूनियर छात्रों ने प्राचार्य एनएल प्रजापति से शिकायत कर सीनियर छात्रों पर रैगिंग करने का आरोप लगाया था।
इस मामले में प्राचार्य ने एंटी रैगिंग कमेटी गठित की थी। कमेटी द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है। अभी जांच पूरी नहीं हुई है।
सीनियर और जूनियर छात्रों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। वहीं, इस बीच प्राचार्य ने सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। हालांकि यहां पर रैगिंग के मामले हर साल सामने आते हैं। वहीं जल्द ही जूनियर जोन भी बनाया जाएंगा।
जूनियर जोन की जरूरत
यहां सबसे ज्यादा जरूरत जूनियर जोन बनाए जाने की है। दरअसल सीनियर और जूनियर के बीच विवाद को रोकने के लिए एक दायरा खींचना जरूरी है। इस जोन के बनाए जाने से सीनियर छात्रों का दखल जोन के अंदर प्रतिबंधित होगा। एेसे में विवाद की स्थिति भी नहीं बनेगी। हालांकि इस दिशा में भी प्राचार्य तैयार कर रहे हैं।

बीएमसी के सामने पुलिस द्वारा विवि के छात्रों पर बरसाई गई लाठियों की न्यायिक जांच की मांग उठी है। वहीं, विवि में हॉस्टल के छात्र देवर्ष की मौत की न्यायिक जांच की मांग की गई है। मामले को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने एसपी के नाम एएसपी और प्रभारी कुलपति को ज्ञापन सौंपा है। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. धरणेन्द्र जैन, भरत तिवारी, नितिन पचौरी, राहुल व्यास, दीपेश ठाकुर, आकाश कोष्ठी, नीलेश पवार,अम्बर बाल्मीकि, शहवाज खान, शुभम सोनी शामिल थे।
डॉ. जैन ने बताया कि विवि के छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया और उन पर झूठे मामले कायम किए गए हैं। इस मामले में न्यायिक जांच कर उन पर दर्ज किए गए मामले खारिज किए जाएं। छात्र शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध जता रहे थे, लेकिन पुलिस ने बेवजह लाठी चार्ज की गई है, जिसकी निष्पक्ष जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। घायल छात्रों को मुआवजा दिया जाए। जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज का उपयोग किया जाए। वहीं, विवि के प्रभारी कुलपति को सौंपे गए ज्ञापन में छात्र द्वारा की गई आत्महत्या की न्यायिक जांच की मांग की गई है। वहीं, लाठीजार्च और छात्रों पर दर्ज मामलों को लेकर शासन को पत्र लिखे जाने की बात कही गई है। जल्द मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

पुलिस एचओडी, शिक्षक और रिसर्च स्कॉलर से करेगी पूछताछ, परिजनों की मौजूदगी में खोला गया टैगोर हॉस्टल का सील कमरा
केंद्रीय विवि के छात्र देवर्ष की आत्महत्या के बाद सील किए टैगोर हॉस्टल के कमरा नंबर 28 को मंगलवार को उसके परिजनों के सामने खोला गया। पुलिस ने कमरे से उस रस्सी को जब्त किया है, जिससे फंदा बनाकर देवर्ष ने अपनी जान दी थी।
मंगलवार को देवर्ष के पिता व चार छात्रों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं जिनमें विवि के शिक्षकों की प्रताडऩा के चलते आत्महत्या की बात सामने आ रही है। इधर, पुलिस ने देवर्ष के परिजन व बीएमसी ले जाने वाले सहपाठी छात्रों के बयान दर्ज कर पड़ताल शुरू कर दी है। सिविल लाइन पुलिस ने छात्र देवर्ष की आत्महत्या की वजह व आक्रोशित छात्रों के बीएमसी पहुंचकर उत्पात मचाने को लेकर विवि प्रशासन से जवाब मांगा है। आत्महत्या की सूचना तुरंत थाने को न देने व सैकड़ों छात्रों के बीएमसी पहुंचकर उत्पात मचाने से न रोकने व उससे कानून-व्यवस्था को खतरा उत्पन्न होने पर भी सवाल खड़े किए हैं। सिविल लाइन टीआइ संगीता सिंह ने बताया कि मंगलवार को छात्र देवर्ष बागरी के पिता अजयपाल बागरी, चाचा चंद्रभान और अन्य परिजन थाने पहुंचे। थाने से एसआइ बीएल वर्मा ने परिजनों के साथ हॉस्टल के कमरे को खोलकर उसमें देवर्ष की आत्महत्या से जुड़े साक्ष्य तलाशने की कोशिश की। इस दौरान पंखे से लटकी उस रस्सी को पुलिस ने जब्त कर लिया जिससे देवर्ष ने फंदा लगाकर जान दे दी थी। पुलिस को कमरे कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। सतना जिले के सिंहपुर थानांतर्गत पिथौरा निवासी देवर्ष के पिता अजय पाल बागरी ने अपने बयानों में केंद्रीय विवि के बीएससी के एचओडी और शिक्षकों के अलावा रिसर्च स्कॉलर पर प्रताडऩा की बात दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि रक्षाबंधन पर घर पहुंचने पर देवर्ष ने मां को बताया था कि विवि में शिक्षकों का पढ़ाना उसे समझ नहीं आता, जब वह पूछना चाहता है तो शिक्षक उसे मानसिक रूप से परेशान करते हैं, इसलिए वह पढ़ नहीं पा रहा है। बयान दर्ज कर रहे एसआइ बीएल वर्मा के अनुसार देवर्ष के सहपाठी और रूम पार्टनर छात्रों ने भी पुलिस को पूछताछ में शिक्षकों द्वारा प्रताडि़त किए जाने की बात दोहराई है। उन्होंने बयानों में बताया कि 10 सितम्बर को कक्षा में कहा गया था कि 17 सितम्बर को पेपर कराया जाएगा। तीन दिन बाद 13 सितम्बर को अचानक ही घोषणा कर दी की अब 14 सितम्बर को पेपर होगा। इससे छात्र परेशान हो गए और जब कोर्स पूरा न होने की बात कही गई तो एचओडी ने भी उन्हें अनसुना कर दिया। यही नहीं परीक्षा कक्ष में बैठे सभी छात्रों के पास मोबाइल थे, लेकिन रिसर्च स्कॉलर ने केवल देवर्ष को डांट-डपटते हुए मोबाइल व कॉपी छीन ली थी। उनके इस व्यवहार से भी देवर्ष तनाव में था। परिजन व छात्रों के बयान दर्ज करने के बाद अब पुलिस एचओडी, शिक्षक व रिसर्च स्कॉलर से बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
यह हैं जांच के बिंदु
विवि में परीक्षा की तारीखों में अचानक बदलाव क्यों किया गया?
छात्र की आत्महत्या की सूचना हॉस्टल/ विवि प्रशासन ने तुरंत पुलिस को क्यों नहीं दी?
देवर्ष की मौत की खबर के बाद सैंकड़ों छात्र विवि से कूच कर गए प्रशासन ने रोका क्यों नहीं?
बीएमसी में तनाव और उत्पात से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
न हो खिलवाड़
छात्र की खुदकुशी के बाद छात्र आंदोलन की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि मामले की जांच के बाद दोषी छात्रों पर मामले दर्ज हो सकते हैं। बड़ा बाजार छात्र संघ के संरक्षक नरेंद्र चौबे ने कहा कि, जांच हो, लेकिन छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। कहा कि प्रदेश के गृहमंत्री से मुलाकात कर दखल करने का आग्रह किया जाएगा।

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