दरअसल, छात्र विवि में स्वास्थ्य केंद्र बंद होने से आक्रोशित थे। चंद मिनट में ही 500 से ज्यादा छात्र लाठी-रॉड लेकर बीएमसी पहुंच गए। छात्रों का हंगामा देख मेडिकल रोड पर तनाव के हालात बन गए। आसपास की दुकानों के शटर गिरा दिए गए। स्थिति बिगड़ती देख आक्रोशित छात्रों को बीएमसी में प्रवेश से रोकने भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी और पुलिस बल तैनात किया गया। उधर, कलेक्टर, एसपी के निर्देश के बाद पुलिस लाइन से सशस्त्र बल, वज्र और आंसू गैस से लैस पुलिसकर्मियों को भेजा गया।
जानकारी के अनुसार सतना निवासी बीएससी थर्ड सेमेस्टर का छात्र देवर्ष बागरी शुक्रवार को पेपर दे रहा था। इस बीच परीक्षा कक्ष में शाम करीब 5.30 बजे रिसर्च स्कॉलर ने उससे पेपर छीन लिया था। पूरा पेपर हल नहीं कर पाने से देवर्ष काफी दु:खी था और वह सीधे टैगोर हॉस्टल स्थित कमरे मेें पहुंचा और किसी से बात किए बिना ही फंदे पर झूल गया।
उसे साथी छात्रों ने जब फंदे पर छटपटाते देखा तो तुरंत नीचे उतारा और मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां जांच करते हुए डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। देवर्ष की मौत की खबर सुनते ही बीएमसी और विवि परिसर में छात्र भड़क गए।
छात्रों का आरोप था कि जब वे देवर्ष को विवि स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले गए तब सांस चल रही थी, लेकिन स्वास्थ्य केंद्र बंद होने से उसे बीएमसी लेकर जाना पड़ा और समय पर उपचार न मिलने से देवर्ष की मौत हो गई। छात्र की मौत की खबर के बाद केंद्रीय विवि से गुस्साए छात्र लाठी-रॉड लेकर सड़कों पर उतर पड़े। उन्हें रोकने पुलिस ने कई जगह बेरिकेडिंग भी की, लेकिन छात्रों की टोलियां कुछ ही देर में गलियों से होते हुए बीएमसी पहुंच गईं और वहां हंगामा खड़ा हो गया।