सागरPublished: Jul 29, 2019 08:57:49 pm
sachendra tiwari
नैक टीम को दिखाने की थी शुरुआत
Students do not get the benefits of e-library
बीना. विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए शासकीय पीजी कॉलेज में ई-लाइब्रेरी शुरू की गई है, लेकिन इसका संचालन ठीक तरीके से नहीं हो पा रहा है। ई-लाइब्रेरी के नाम पर सिर्फ यहां चार कंप्यूटर रखे हुए हैं और विद्यार्थियों को यह जानकारी नहीं है कि पढ़ाई कैसे करनी है और किस साइड पर जाना है। यह लाइब्रेरी सिर्फ दिखावा बनकर रह गई है।
लाखों रुपए खर्च कर पीजी कॉलेज में ई-लाइब्रेरी के लिए भवन तैयार किया गया और कंप्यूटर भी मंगाए गए हैं, लेकिन इसका लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। लाइब्रेरी में रखे चार कंप्यूटर पर जब विद्यार्थियों से स्टडी करने के लिए कहा गया तो विद्यार्थियों को पता ही नहीं था कि स्टडी कैसे की जाती है। विद्यार्थी पढ़ाई करने की जगह टाइपिंग या अन्य काम करते रहे। कुछ विद्यार्थी गूगल पर बुक लिखकर सर्च कर रहे थे बुक का नाम नहीं डाला था। कंप्यूटरों में स्टडी के लिए सॉफ्टवेयर भी नहीं डाले गए हैं। जिस उद्देश्य से कॉलेज में लाइब्रेरी शुरू की गई है वह उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है।
ऑनलाइन पढ़ सकते हैं हजारों बुक
ई-लाइब्रेरी से विद्यार्थियों को बहुत से लाभ होंगे। वह ऑनलाइन सर्च कर हजारों पुस्तकों को पढ़ सकते हैं। देश, विदेश की अन्य लाइबे्ररी भी इससे जुड़ी रहती हैं। कॉलेजों में जो लाइब्रेरी खुली हंै वहां सभी पुस्तकें नहीं मिल पाती है, जिससे विद्यार्थियों को परेशानी होती है।
संचालन के लिए नहीं है कोई एक्सपर्ट
ई-लाइब्रेरी के संचालन के लिए एक्स्पर्ट की जरूरत है, लेकिन यह पोस्ट अभी तक नहीं भरी गई है। जबकि इस संबंध में नैक टीम द्वारा भी कहा गया है कि यहां एक्सपर्ट की नियुक्ति की जाए। क्योंकि ई-लाइब्रेरी का संचालन करने के लिए कंप्यूटर की जानकारी होना भी जरूरी है। नैक टीम को दिखाने के लिए ही यहां कंप्यूटर रखे गए थे।
पुस्तकों की जानकारी नहीं हुई फीड
ई-लाइब्रेरी के कंप्यूटर में कॉलेज की लाइब्रेरी में रखी पुस्तकों की जानकारी भी फीड होनी है, जिससे विद्यार्थी बुक सर्च कर सकें, लेकिन अभी तक इसमें पुस्तकों की जानकारी भी फीड नहीं की गई है।
आना है और सामग्री
अभी लाइब्रेरी में सिर्फ चार कंप्यूटर रखे गए हैं। लाइब्रेरी की और सामग्री आना है। अभी लाइबे्ररी शुरू नहीं की गई है। साथ ही लाइब्रेरी के संचालन के लिए कंप्यूटर पढ़ाने वाले शिक्षकों का सहयोग लिया जाएगा।
डॉ. एके जैन, प्राचार्य, पीजी कॉलेज, बीना