-३० लाख में हुई थी खरीदी, जिम्मेदार मौन
फर्नीचर खरीदी पर विवि प्रशासन ने ३० लाख रुपए खर्च किए थे। इस मामले में जहां ठेकेदार दोषी है। वहीं, हॉस्टल प्रबंधन भी कहीं न कहीं जिम्मेदार है। रिनोवेशन के कार्य की जानकारी हॉस्टल प्रबंधन को पूर्व से थी। प्रबंधन चाहता तो समय रहते कमरे खाली कराकर फर्नीचर को सुरक्षित अन्यत्र रखवा सकता था, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वहीं, ठेकेदार द्वारा भी काम कराने की जल्दबाजी के चक्कर में यह फर्नीचर क्षतिग्रस्त हुए हैं। हालांकि छात्रों को फर्नीचर उपलब्ध कराकर हॉस्टल प्रबंधन ने छात्रों को शांत करा दिया है। यही कारण है कि इस मामले की शिकायत अधिकारियों के कानों तक नहीं पहुंच पाई है। हालांकि जब इस मामले में चीफ वार्डन प्रो. देवाशीष बोस से फोन पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।