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ऐसी सादगी स्कूटर पर निकल जाते हैं सब्जी खरीदने, ओहदा है केंद्रीय राज्यमंत्री का

locationसागरPublished: Oct 01, 2017 02:10:15 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Pandey

पद की ऊंचाईयां मिलें तो अतीत न भूले, कभी नीचे आना पड़े तो असहज और अपमानित की स्थिति न लगे

Such simplicity escapes to the scooter buy vegetables

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सागर. मंत्री से लेकर छुटभैया नेताओं की पहचान गाडिय़ों, हूटरों, गनमैन और तामझाम से बनी है, लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार को लोग सादगी के रूप में जानते हैं। स्कूटर वाले मंत्री कहे जाने लगे हैं। सांसद बनने के 21 साल पहले से उनको जनता ने स्कूटर पर ही देखा। अब मंत्री बन गए तो यही हाल है। खुद स्कूटर चलाना, सब्जी खरीदना सहज मिलना। यही पहचान वो बनाए रखना चाहते हंै। ताकि कभी राजनीतिक जीवन में उतार आए तो असहज और अपमान की स्थिति न बने।
मध्यप्रदेश के पिछड़े अंचल सागर में जन्में वीरेंद्र कुमार सागर संसदीय क्षेत्र से चार बार सांसद रह चुके हंै। लगातार दो दफा से टीकमगढ़ से भाजपा के सांसद हंै। पिछले छह चुनावों से अपराजेय वीरेंद्र अपनी सादगी की मिसाल बनते जा रहे हैं। मौजूदा राजनीति में ग्लेमर, भीड़भाड़, लग्जरी गाडिय़ा,नेताओं के आगे पीछे भागते कार्यकर्ता ही सबकुछ हैं। ऐसे दौर में वे अपने आपको सरल बनाने में सफल बने हैं। केंद्रीय महिला व बाल विकास राज्य मंत्री बनने के बाद बुंदेलखंड अंचल में उनका चिरपरिचित रहन-सहन ही दिख रहा है।
स्कूटर वाले सांसद अब स्कूटर वाले मंत्री बन गए हैं। पिछले तीन दिनों अपने गृहनगर में केंद्रीयमंत्री बने हैं। स्कूटर परही नवदुर्गा पर दर्शन करते नजर आए। आज दशहरा पर इतवारा बाजार में सब्जी खरीदी। लोगों से मिलते हैं। स्कूटर पर बैठे और घर निकल गए। केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र के मुताबिक सांसद बनने के पहले से ही इसी स्कूटर पर चल रहे हैं, जनता के बीच सीधा संवाद इसमे बना रहता हैं। कोई बाधा नहीं रहती है। लोगों को ये न लगे मंत्री बनने के बाद व्यवहार में बदलाव आ गया। उन्होंने कहा कि यदि नीचे आना पड़े तो असहज और अपमान की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता है। वैसे सभी जनप्रतिनिधियों को सहज जीवन जनता के बीच मे रहना चाहिए। मैं मंत्री आज हूं। हमेशा एक सा रहना चाहता हूं।

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