मुनि ने कहा कि बड़े आदमी क्यों दुर्गति जाते हैं, क्योंकि वह सारी दुनिया को अपना दास बनाना चाहते हैं। जब तुम्हें गुलामियत पसंद नहीं है तो दूसरे को क्यों ? कोई महिला नहीं चाहती कि वह दूसरे के जूठे बर्तन मांझे, यह वरदान तुम्हें मिल जाएगा। कभी कोई तुम्हारे झूठे बर्तन मांजे तो एक ही भाव करना, जब मैं किसी के जूठे बर्तन नहीं मांजना चाहती तो ये भी तो जीव है। किसी की मां और किसी की पत्नी है। हे भगवान दो दशा में से एक वरदान पूरा कर दे- ‘मुझे ऐसी दशा में पहुंचा दे कि मुझे बर्तन जूठा करना ही न पड़े। यानी भूख से ऊपर उठा दे या फिर इसको इतना समर्थ बना दे कि दूसरे के जूठन बनकर रोटी ही ना कामना पड़े।
18 को निकलेगी शोभायात्रा पर्युषण पर्व के समापन के बाद 18 सितंबर भाग्योदय तीर्थ से सुबह 7.00 बजे शिविरार्थियों की शोभायात्रा निकाली जाएगी। शहर के विभिन्न मार्गोँ से होती हुई करीब 10.00 बजे भाग्योदय पहुंचेगी। सुबह 7.00 बजे भाग्योदय से प्रारंभ होकर रेल्वे ब्रिज के ऊपर से मोतीनगर थाना, चमेली चौक, तीनबत्ती, कटरा पारसनाथ मंदिर, नमकमंडी, वर्णी कॉलोनी, राधा टॉकीज से होते हुए बाहुबली कॉलोनी पहुंचेगी। बाहुबली कॉलोनी से माता मढि़या होते हुए पुन: भाग्योदय तीर्थ में समाप्त होगी।