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ये क्या : बेटियों के लिए सबसे असुरक्षित हाथ अपनों के

locationसागरPublished: Jul 26, 2018 01:47:38 pm

Submitted by:

sunil lakhera

ये क्या: 52 स्कूलों की 6 हजार बेटियों से संवाद में सामने आया तथ्य

ये क्या : बेटियों के लिए सबसे असुरक्षित हाथ अपनों के

ये क्या : बेटियों के लिए सबसे असुरक्षित हाथ अपनों के

सागर. छेड़छाड़ और महिला अपराधों में बढ़ोतरी की वजह टटोल रही पुलिस से संवाद कार्यक्रम में किशोरी-छात्राओं ने जो बातें साझा की हैं, वे समाज के चरमराते ढांचे की ओर इशारा करने वाली हैं।
बच्चियों ने सबसे ज्यादा आस-पड़ोस में रहने वाले परिचित लोगों द्वारा ही छेड़छाड़ और शारीरिक शोषण करने की बात उजागर की है। एेसे में बच्चियों को जितना खतरा बाहरी लोगों से है, उससे कहीं ज्यादा असुरक्षित वे परिवार, रिश्तेदार और मोहल्ले के उन लोगों से हैं।
११ जुलाई से शुरू किए गए संवाद अभियान के तहत एसपी से लेकर महिला पुलिस अधिकारी पहले चरण में शहरी क्षेत्र के करीब ५२ स्कूलों की ६ हजार से ज्यादा छात्राओं से चर्चा कर चुकी हैं।
इसमें ज्यादातर छात्राओं ने बताया कि उनके घर से निकलकर स्कूल जाने के बीच मोहल्लों के चौक से लेकर सड़क पर मनचलों के झुंड लगे रहते हैं। कोई अशोभनीय इशारे करता है तो कोई बाइक-साइकिल से चक्कर काटता है।
अब एसपी के निर्देश पर थाना स्तर पर छेड़छाड़, छींटाकशी करने वाली जगहों, स्कूल-कॉलेजों के नजदीक गुमटियां, चाय-नाश्ते के स्टॉल और सुनसान क्षेत्र चिह्नित कर पेट्रोलिंग के इंतजाम किए जा रहे हैं।
शारीरिक शोषण-छेड़छाड़ में ८०त्न अपने लिप्त
संवाद और पिछले दिनों में हुई वारदातों में जो तथ्य सामने आए
हैं, वे चौंकाते हैं। जनवरी से अब तक हुए दुष्कर्म में ७० से ८० फीसदी मामलों में आरोपी नजदीकी रिश्तेदार, परिवार या दोस्त ही व्यक्ति निकला है। केवल १० से २० फीसदी मामलों में मोहल्ले के किसी व्यक्ति ने मनमानी की और अनजान युवक या अपरिचित व्यक्ति द्वारा दुष्कर्म या छेड़छाड़ के मामले १० फीसदी के अंदर ही हैं। महिला थाना टीआई रीता सिंह ने बताया कि जहां छात्राओं-किशोरियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हुई हैं, वहां पेट्रोलिंग शुरू कराई जा रही है।
अपराध को बढ़ावा देती खामोशी
संवाद में सामने आया है कि छेड़छाड़ को शुरुआत में नजरअंदाज करने से ही मनचलों का हौसला बढ़ता है और वे शोषण की कोशिश करते हैं। वहीं कुछ छात्राओं ने परिजनों द्वारा एेसी शिकायत करने पर उन्हें ही या तो डांट-डपट दिए जाने या घर से आना-जाना बंद करने की धमकी देने की परेशान से अवगत कराया है।
&वारदातें चिंताजनक हैं। अधिकांश मामलों में आरोपी के रूप में सामने आने वाला व्यक्ति पीडि़ता का या तो रिश्तेदार है या फिर परिचित है। स्थिति को देखते हुए शक्ति मोबाइल, बाज मोबाइल और निर्भया पेट्रोलिंग शुरू कराई जा रही है। -सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एसपी सागर

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